हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के संस्थापक और एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अब वो भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे. मांझी ने कहा कि 75 साल के बाद किसी व्यक्ति को भी चुनावी राजनीति नहीं करनी चाहिए, वैसे कुछ लोग हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन मैं तो 79 साल का हो गया हूं, और ऐसे में चुनाव लड़ना मेरे सिद्धांतों के खिलाफ होगा. ऐसे में अब वो किसी तरह का कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे.
जीतन मांझी ने नीतीश कुमार के एनडीए के पाले में आने की संभावनाओं को बल देते हुए कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव पहले ही नीतीश कुमार को पलटूराम कह चुके हैं. कोई पलटू चाचा तो कोई पलटू भाई कहता है. जब नीतीश कुमार का डिजिग्नेशन ही पलटू राम है. तो किस समय पलटी मारेंगे इसका कोई हिसाब नहीं है. मांझी ने कहा कि हम एनडीए के एक छोटे सहयोगी हैं. हमारी कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं है कि हम किसी का स्वागत करेंगे या विरोध करेंगे. लेकिन अगर नरेंद्र मोदी या अमित शाह एनडीए में नीतीश को लाना चाहेंगे तो हम इसका विरोध करेंगे.
आपको बता दें हाल ही में जीतन राम मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. और कहा था कि लोकसभा सीटों को लेकर वो मुलाकात करने नहीं आए थे. एनडीए जो भी सीट देगी, उस पर जीत की कोशिश रहेगी. हमारा उद्देश्य बिहार की सभी 40 सीटों पर एनडीए को जीत दिलाने में बीजेपी का सहयोग करना है. वहीं ठाकुर कविता विवाद पर जीतन राम मांझी का एनडीए से मतभेद सामने आया था. जहां बीजेपी ने आरजेडी सांसद मनोज झा का विरोध किया था और उनके बयान को जाति विरोधी करार दिया था. वहीं मांझी ने मनोज झा का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं बोला, और न ही किसी जाति विशेष पर टिप्पणी की.