जे एम एम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा ...
ये लोकतंत्र पर प्रहार के साथ साथ अधिनायकवाद को स्थापित करना है। अधिनायक वाद में यही होता है कि कोई शत्रु न हो उनका।
लोकसभा के पूर्व जिस मंशा को लेकर बीजेपी आगे बढ़ रही है इसमें संविधान बदलने की नियत दिखने लगा है।
संविधान बदलने की जो पटकथा लिखी गई है उससे अधिनायकवाद स्थापित होगा।
वन नेशन वन इलेक्शन पर जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का प्रेस कान्फ्रेस ए3
लोकसभा चुनाव के पूर्व जिस मंशा को लेकर बीजेपी आगे बढ़ी है , इस संविधान को बदलने के नियत दिखने लगा है।
संविधान को बदलने की को पटकथा लिखी गई जिससे अधिनायक वाद स्थापित होगा
केंद्र सरकार के 100 दिन के शासन के बाद केंद्र ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव के रिपोर्ट को लागू कर दिया गया । इसकी तिथि भी 2029 का चुना गया। देश की जो लोकतांत्रिक सस्थाएं हैं लगभग 25 लाख जन प्रतिनिधि को चुन कर डेढ़ सौ करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं उनके अधिकारों पर वार किया गया है।
आदिवासी परंपरा है जिसमें सामूहिकता है उस पूरे परंपरा पर कुठाराघात है।
बीजेपी ही निर्वाचित सरकार और उनके अधिकार को कटती है , सरकारें तोड़ती है , खरीद फरोख्त करती है या मुकदमा लाद कर अपने तरफ करती है।
बीजेपी का को श्रोत है आर एस एस वो गांधी के देश को बरबाद करने पर तुला है
वन नेशन वन इलेक्शन कहां की सोचा है ,क्या सरकारें स्थिर रह पाएगी , जहां पहले चुनाव होगा वहां क्या राष्ट्रपति शासन के जरिए आप शासन करना चाहते हैं।
जो लोकतंत्र बचाना चाहते हैं उनके लिए बड़ी चुनौती है , जो संविधान बचाना चाहते हैं उनके लिए बड़ी चुनौती है। संविधान को तितर बितर करने का फैसला है , झारखंड मुक्ति मोर्चा सहन नहीं करेगा। आप चुनाव हार रहे हैं और चुनाव हारने के बाद अपना शासन थोपना चाहते हैं।
पीएम भूत की चर्चा करते हैं और भूत भगाने के लिए भी लोग आ जाते हैं। अभी गृह मंत्री भी आने वाले है , पर बीजेपी को आज के दिन कोई नहीं बचा सकता। आज के कैबिनेट ने तय कर दिया है देश का स्वरुप कैसा होने जा रहा है।
किसने कह दिया एक साथ वोटिंग होगा तो वोटिंग प्रतिशत बढ़ जाएगा।
संविधान को व्हाट्स एप की भाषा मत बनाइए। इस खतरनाक संकेत का जवाब विधानसभा चुनाव में देगें। जिस आग को लेकर बीजेपी चल रही है वो आग उन्हीं को जलाएगी।
वन नेशन वन इलेक्शन के बाद होगा वन नेशन टू सिटीजन ये उनका दूसरा स्टेप है। खाद धर्म और विचार के लोग वोट करेगें जो नहीं मानते वो वोट नहीं करेगें।
इस इशारे के खिलाफ जो आंदोलन होगा देश उसके साथ खड़ा रहेगा।