आज कल बीजेपी के नेता लोग झारखंड आना शुरु कर दिए हैं और अपने अपने राज्यों को छोड़ दिए हैं साथ साथ बीजेपी का एक स्लीपर सेल भी है को इस सरकार के कार्यों से इतना परेशान हैं कि पीआईएल पर उतर आए हैं।
यहां महिला सुरक्षा की बात कर रहे हैं , उड़ीसा में हमारे देश का गर्व भारतीय सेना के परिवार की बेटी के साथ जो घटना हुई । ब्रिगेडियर साहेब की बेटी के साथ जो व्यवहार हुआ , सुशासन बाबू के राज में नवादा में जो तांडव हुआ , अयोध्या में महिला सफाई कर्मी के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ ये रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को दिखाई नहीं दे रहा।
अब वो लोग जातियों पर आ गए , खास जाति के लोग को केंद्र में मंत्री बनाएगें इस लिए हम को वो करिए।
विनोद बाबू , निर्मल महतो , शक्ति नाथ महतो , सुनील महतो , टेकलाल महतो के बारे में कहा गया , यहां के एक कुर्मी को केंद्र में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। अब जातीय प्रलोभन दिया जा रहा है। आज कुर्मी , कल यादव , राजपूत , लाला , बनिया ये कौन सा समाज है
कैसे झारखंड को तोड़ना चाहते हैं। कोई सांसद में खड़े होकर कोई कहता है , झारखंड को तोड़ दो।
जब सरकार बन रही थी , तब विद्युत वरण को , सी पी चौधरी को मंत्री बना देते ।
इटखोरी में दो ढाई हजार लोग राजनाथ सिंह के सभा में आए , वहां से वंशीधर गए ,उनका तेल समाप्त है , प्रचार शुरु होते ही भाजपा का तेल समाप्त है।
वो तो दामाद बाबू हैं उनको बीजेपी का प्रचार छोड़ रमना में रह जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री का तेल समाप्त , कैसा छवि पेश कर रहे हैं लोग। जिस पार्टी के स्टार प्रचारक का ऊर्जा ही समाप्त हो गया और मुंह से क्या क्या निकलने लगा वो अब हमसे मुकाबला करने आए हैं।।चांद को देखने के लिए ये लोग टॉर्च जला रहे हैं। ये सब षड्यंत्र यात्रा बंद करो। महिलाओं के सम्मान की सोचो
कदाचार रोकने के लिए सरकार सामने आई तो बीजेपी का चरित्र सामने आ गया एक पीआईएल हो गया। मजाक बना कर रख दिया है लोगों ने , पीएम कभी वायु सेना , कभी नौ सेना कभी सेना की वर्दी पहन लेते हैं ,कभी शिकारी बन जाते हैं और सेना की वर्दी को कलंकित करने वाले को सह दे रहे हैं।
हिमांता जी , अमित शाह जी कहां चले गए जब नवादा में दलित का घर जल रहा था। ये राजनीतिक नौटंकी बंद होना चाहिए।
20 अगस्त को वोटर लिस्ट आ गया कौन सा घुसपैठी हुआ है। पीएम , अमित शाह सब घुसपैठ का मुद्दा उठा रहे हैं।
सुदेश जी क्या बोलेंगे , केंद्र में मंत्री बन नहीं पायेंगे जो पांच सीट मिलेगा वो सभी पांचों ग्वायेगें। पिछले पांच साल में डेमोग्राफो चेंज नहीं हुआ , एक भी घुसपैठ नहीं हुआ रघुबर दास की सरकार में अब डेमोग्राफी का सवाल उठा रहे हैं।
सब का चेहरा बेनकाब हो चुका है। ये परास्त और हताश लोग हेमंत सोरेन का मुकाबला नहीं कर सकते।