देवघर के पुलिस अधीक्षक के बदलने का निर्देश आया। हमलोग भी देखे तो पता चला क्यों हटाया गया देवघर के फर्जीवाड़े के मामले में 28 को पुलिस थाना में निशिकांत डूबे के खिलाफ मामला दर्ज किया और क्यूंकि वो दर्ज हो गया इसके लिए एसपी को जिम्मेवार बनाया गया ।
यहां सवाल ये उठता है की एसपी को हटा कर पुलिस के अनुसंधान पे प्रश्न किया जा सकता है। पुलिस अधीक्षक एक पद है जो पूरे लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करता है ।
ये कौन सा दिशा है की कोई वोटिंग प्रत्याशी किसी के खिलाफ शिकायत करें तो उसने अधिकारी को हटा दो जो बता वह कि संदेशा से और जाना यह तथ्य सब जानते है। की निशिकांत डूबे का प्रीस्ट भूमि क्या है। अभी हम ed की करारवी में प्रवक्ता बनते देखे है। ये सही लेवल प्लेइंग ग्राउंड नही है की आप अपने सुविधा अनुषा चुनाव करवाए। राज्य इस बार चुनाव कैसा हो ये हमारा अधिकार है। लेकिन हम से बात तक नहीं की गए। बिना कुंसुलतन के चुनाव की तारीख की घोषणा की गए। बिहार में पॉलिटिकल पार्टी के साथ बात किया गया तो झारखंड को क्यों छोड़ा गया अगर वो मौका मिलता तो हम इस बात का सवाल उठाते की बीजेपी की प्रकार केंद्र एजेंसी द्वारा दबाने का काम कर रही है। जहा सुनिश्चित होता है की हार की सम्भावना है। वही एजेंसी काम करना स्टार्ट कर देती है ।
सुप्रीम कोर्ट में जो बाते हो रही है इससे साफ साबित होता है एड का क्या उद्देश्य है । एक तरफा चीजे होंगी तो चुनाव आयोग पे उंगली उठेंगे।
कल सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया की ईवीएम का मतलब है इलेक्ट्रॉनिक वोट मैनिपुलेटर
ये तीन यूनिट हो गया एक है कंट्रोल यूनिट अब हो गया करप्शन यूनिट
बोगलेश यूनिट, पीवी पैक पहले उसमे सफेद कपड़ा लगाया जाता था अब उसे कला कर दिया गया। इस लिए हम लोग चाहते थे कि अवगत कराए।
इस लिए मैं तो कहूंगा की पुलिस अपना काम करे लेकिन चुनाव आयोग ये काम करे की यह बराबरी का मौका मिले।