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चुनाव आयोग से विनम्र आग्रह ... राज्य हित और लोक हित को सर्वोपरी मानते हुए 10 नंबर से 20 दिसम्बर के बीच जब चाहें चुनवा करवा लें ...नहीं तो ये ना इंसाफी आंदोलन का रुप भी ले सकती है।

JMM on Election Commission of India

राज्य सरकार के विकास योजनाओं के खिलवाड़ की तैयारी है, युवाओं के लिए नौकरी की तैयारी है ,आप उसे समर्पित क्यों नहीं करने देना चाहते हैं , क्या डर है बीजेपी को ,क्या डर है केंद्र सरकार को ....झारखंड झुकना नहीं जनता ......


झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने आज भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों पर जमकर निशाना साधा और कहा...

निर्वाचन आयोग झारखंड में है।

हम सब जानते हैं अक्टूबर महीने में 27 अक्टूबर से पहले हरियाणा , 28 नवंबर से पहले महाराष्ट्र और 4 जनवरी तक झारखंड विधानसभा का कार्यकाल है , पर झारखंड में अर्ली इलेक्शन की बात आ रही है , निर्वाचन आयोग की टीम राज्य में है , अधिकारियों के साथ आज पतरातु रिसोट में मीटिंग भी हुआ है , अब चुनाव आयोग टूरिस्ट प्लेस पर अपने आकलन का मीटिंग करेगा , तो ये पॉलिटिकल टूरिज्म हो सकता है। 

   आगामी माह युवाओं के उम्मीद की माह शुरू होने जा रहा है और कल से इसकी शुरुआत सीएम कर रहे हैं। राज्य में नया ड्रामा शुरु हो गया है और इसमें अब ईसीआई भी कूद गया है। ऐसी क्या नौबत आ गई की चुनाव पहले ही हो जाए।

समय से पहले चुनाव होता है तो अलोकतांत्रिक और अन्याय पूर्ण निर्णय चुनाव आयोग लेने जायेगा। अक्टूबर त्यौहार का महीना है , उससे पहले सावन का पवित्र महीना है। नवम्बर में दीपावली और छठ है। बड़ी संख्या में लोग यहां से इस महीने में अपने पैतृक निवास जाते हैं। 10 नवंबर के पहले चुनाव यहां संभव ही नहीं , लेकिन सरकार के अंदर अस्थरीरता लाने , जिले के अधिकारियों में भ्रम फैलाने के लिए जो कवायद हो रहा है,ये अलोकतांत्रिक और अन्याय पूर्ण है। निर्वाचन आयोग के पास नवम्बर से दिसंबर तक चुनाव करवाने के लिए बहुत समय है। पर पहले चुनाव कराने की तैयारी किसके निर्देश पर हो रहा है।  कभी ईडी घुसाते हैं ,जब ईडी थोड़ा ढीला पड़ा, तो अब ई सी आई घुस गया है !!!!!

         

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