जेएमएम ने राज्यपाल पर सवाल उठाया और कहा झारखंड नए प्रयोगों का प्रयोगशाला बन गया है.
दाढ़ी में तिनका आखिर उनको बोलने की जरूरत ही क्या थी की मैने क्या क्या किया. Ed ने जब उनको कहा कि हेमंत सोरेन इस्तीफा देंगे. हेमंत सोरेन के साथ साथ और भी लोग गए थे उनको अन्दर जाने दिया लेकिन अंदर उनकी अनुमति नहीं है फिर उनको बाहर निकाल दिया.हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दिया चंपई सोरेन ने सरकार बनाए जाने का दावा पेश किया.... उनको इंकार कर दिया और पंद्रह मिनट बाद कहा कि आपको बताऊंगा। दूसरे दिन सुबह लगभग ग्यारह बजे मैंने राज्यपाल के एडीसी और प्रधान सचिव से बात हुई.. कहा कि बताऊंगा
पांच सदस्यीय दल की अनुमति मिली शाम पांच बजे... फिर लगभग साढ़े दस बजे रात राजभवन से कॉल आया... इस्तीफा हुआ तो दूसरे दिन रात साढ़े दस बजे का इंतजार क्यों ?
एक दिन कोई राज्य का सीएम नहीं था अगर राज्य में कुछ होता तो इसका जिम्मेवार कौन होता?
उनको ऐसा लगता था कि अल्पमत में है..43 की जगह 47 ने सदन में बहुमत साबित किया. 80 सदस्यीय विधानसभा में क्या आपको कानूनी राय लेना पड़ा. 80 में तो तिहाई 49 हमारे साथ है फिर भी आपने देर किया ,जो बीजेपी का बात नहीं मानेगा वह ईडी के गिरफ्त में होगा. इतना जल्दी जल्दी घटना क्रम को दिखाया गया बिहार और झारखंड में चार घंटे में नीतीश कुमार दोबारा फिर से सीएम बन गए. बिहार में राज्यपाल ने तुरंत बुला लिया लेकिन झारखड़ में नही. बिहार में तीसरी बड़ी पार्टी को बुलाया लेकिन झारखंड में सबसे बड़ी पार्टी को नहीं बुलाया गया. 31 जनवरी को रात में मीडिया से मुखातिब हुए.
राज्यपाल बीजेपी के लिए काम मत कीजिए.आपका काम सरकार को सलाह देनी है वक्त वक्त पर जानकारी लेनी है.कई विधेयक लंबित है उनको अभिलंब निष्पादित कीजिए।