सुप्रियो भट्टाचार्य जम कर कटाक्ष करते नजर आए और बोले कि जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास द्वारा मतदान किया जाना हतप्रभ करता है. किसी भी राज्य का राज्यपाल उस राज्य का प्रथम नागरिक होता है, उनसे यह अपेक्षा होती है कि वह अपने राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते उस राज्य में मतदान करें, ताकि मतदाताओं के लिए एक उत्साहवर्धक संदेश प्राप्त हो. हमारे राज्य झारखंड के प्रथम नागरिक माननीय राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन द्वारा रांची लोकसभा में मतदान किया जाना न सिर्फ उदाहरण है। यह प्रश्न आज के लिए प्रासंगिक है कि रघुवर दास अपने राज्य ओडिशा को अपना नहीं मानते या ओडिशा के प्रबुद्ध जनता उन्हें अपना नहीं मानती। हम सब जानते हैं कि जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में लाखों लोग बांग्ला के साथ-साथ ओड़िया वासी भी हैं।
रघुवर दास क्या यह संकेत देना चाहते हैं कि ओड़िया भाषी लोग किसी एक राजनैतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे तो ओडिशा के लोगों के प्रति उनका आने दिनों का व्यवहार कैसा रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को भी यह संज्ञान लेना चाहिए कि जब भारत के राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू जी ने अपने प्रिय राज्य ओडिशा को छोड़ कर राजधानी दिल्ली में मतदान किया, वो कौन सी परिस्थिति हुई कि ओडिशा के राज्यपाल को अपने मूह राज्य में आकर मतदान करना पड़ा. उनका यहां मतदान करना स्थानीय प्रशासन को प्रभावित करना एवं मतदाताओं को भ्रमित करने का एक निंदनीय प्रयास है, जो लोकतंत्र के लिए एवं संधीव ढांचे के लिए अशुभ है.उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपना उपस्थिति दर्ज करवा कर झामुमो के उपकृत किया है, उन्होंने समीर मोहंती की विशाल जीत को पक्का करने का काम किया है।