सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यसभा का परिणाम सामने आया है.परिणाम पहले 21 मार्च को आना था लेकिन 14 मार्च को ही घोषित कर दिया गया.भाजपा झारखंड को महाराष्ट्र और हरियाणा बनाने में लगी थी.महाराष्ट्र से महापात्रा को लेकर झारखंड आई और खेला करना चाहती थी.लेकिन झारखंड में औंधे मुंह गिर गए.
भाजपा के लिए संविधान कोई मायने नहीं रखता है.यह लोग संविधान से इतर काम कर रहे है.कुछ दिन पहले की बात करें तो तो गांडेय विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा दिया था.इसके बाद एक सांसद बयान दे रहे थे कि कोई चुनाव अब नहीं हो सकता है.कई कोर्ट का हवाला दे रहे रहे राज्यभवन कि दौड़ लगा रहे थे.
लेकिन झारखंड में चुनाव नहीं होने का दम भरने वाले लोग हरियाणा में कैसे मुख्यमंत्री बना दिया.जबकि वह विधायक भी नहीं है.भाजपा के लोग गंदगी में रहते रहते अब सड़ा गला बात करने लगे.
झारखंड़ में आदिवासी मूलवासी की बात करने वाली भाजपा बाहर से उम्मीदवार लाकर राज्यसभा भेजने का काम किया है. आजमगढ़ के एक व्यक्ति को झारखंड से राज्यसभा भेजने का काम किया.लेकिन सपथ पत्र में रांची का जिक्र किया है.साथ ही चुनावी पर्चे में अपनी संपत्ति के बारे में भी छुपाने का काम किया है.रघुवर राज में दिन दोगुनी रात चौगुनी पैसे में बढ़ोतरी हुई है.
प्रदीप वर्मा ने अपने फार्म हाउस,खेलगांव में फ्लैट,पंडरा में फ्लैट,सरला बिरला के अंदर दवाई दुकान के मालिक है,कई NGO चलते है,अरगोड़ा में जमीन है,धनबाद में जमीन के मालिक है.इसके अलावा आजमगढ़ में आलीशान मकान है.इन सब के मालिक प्रदीप वर्मा है.
प्रदीप वर्मा ने अपने किसी भी हलफनामा में आजमगढ़ का जिक्र नहीं किया है.सभी प्रोपर्टी में अलग अलग पता दर्ज कराया गया है.अब इसकी शुरुआत हुई है .सभी दस्तावेज मौजूद है.
बाबूलाल मरांडी बहुत सवाल पूछते थे अब प्रदीप वर्मा से सवाल पूछेंगे.आखिर किसी affedevit में राम प्रसाद वर्मा किसी में प्रसाद वर्मा दर्ज है.आखिर यह अलग अलग नाम क्यों है.सुप्रियो ने कहा कि कोई संपत्ति डकार कर पेट बड़ा कर लेता है तो कोई हवा खा कर पेट बड़ा कर लेता है।