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JSSC-CGL पेपर लीक में सरकार और आयोग की सैलिप्त आई सामने छात्रों ने दिया पुख्ता सबूत, छात्रों ने खोली पोल....

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जेएसएससी परीक्षा में आए दिन गड़बड़ियां होती रही। एक बार फिर कुछ ऐसा ही देखने को मिला। माना की सरकार को लगता है की परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई लेकिन आयोग इसमें गड़बड़ी न करें तो झारखंड में कहां कोई परीक्षा शुभ मानी जाती है। ऐसा ही गड़बड़ी एक बार फिर सामने आया है। 21 और 22 सितंबर को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा होती है और 24 सितंबर को पेपर लिख का मामला सामने आता है मामला बहुत ही गंभीर है आयोग और सरकार पर छात्रों ने कई सवाल उठाए हैं। अब हम जो आपको बताने जा रहे हैं इस गड़बड़ी कहिए या गलती से मिस्टेक कहिए षड्यंत्र,साजिश या कहिए इत्तेफाक यह आपके ऊपर निर्भर करता है।

दरसल 21 और 22 सितंबर को हुए जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पर अभ्यार्थी कई सवाल उठा रहे है। Question paper का सील खुला होने से लेकर गलत Question paper बांटने तक के कई आरोप छात्रों द्वारा लगाया जा रहा है। 

ये तो आपने सुना कि प्रश्न पत्र का सील खुला हुआ था वहीं अब दूसरी घटना आपको बताते हैं कि किस तरह सेकंड पेपर लैंग्वेज का फर्स्ट शिफ्ट में छात्रों के बीच दे दिया जाता है। यहां तक की जो परीक्षा लेने वाले परीक्षक होते हैं उन्हें भी नहीं मालूम होता की किस विषय का परीक्षा किस समय है। बेरो में 21 सितंबर को हुई इस गड़बड़ी को वहां परीक्षा दे रही महिला अभ्यार्थी ने पूरी घटना बताई। 

आपने प्रश्न पत्र खुला होने का सुना प्रश्न पत्र बदलने का सुना अब देखिए कि किस तरह यह छात्र जो तस्वीरों में दिख रहा है यह परीक्षा से पहले Answer को रट रहा था। जब अन्य छात्रों ने उससे पूछा तो उसे फाड़ कर फेंक दिया और वहां से भाग रहा था। जब उसे टुकड़े को मिलाया गया तो आए हुए प्रश्न पत्र से मैच कर रहा था उस वक्त जो समय था छात्रों के द्वारा यह बनाए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है। 

अब देखिए की जेएसएससी में जो परीक्षा में प्रश्न पत्र सेट करते हैं उनकी क्या करामात है। दरअसल JSSC परीक्षा में जो प्रश्न पूछे गए वह 2019 के एसएससी के रिजनिंग में पूछे गए 25 में से 20 सवालों को जैसे सी ने हूबहू पूछा गया है। बस सिर्फ इतना है कि उस प्रश्न की नंबर संख्या बदल दी गई है। अब यहां सवाल है PAPERLEAK करने की जरुरत भी क्या थी QUESTION बनाने वालो को बस ईतना ही बोलना है की SSC CGL MAINS का 2019 का इस SET से PAGE NO ईतना का MATHS REASONING रट्ट लो। 

अब आयोग से लेकर सरकार तक सवाल कई है और छात्रों का गुस्सा तो चरम पर है। काफी लंबे सालों से यह परीक्षा लंबित चली आ रही है और अभी भी यह क्लियर नहीं हो पाई। वहीं सरकार मईया योजना में व्यस्त है और विपक्ष की बात करें तो वह परिवर्तन करने में लगी है। तो इन छात्रों का सूद और उनकी जो व्यथा है वह आखिरकार सुनेगा कौन? क्या इसी तरह सड़कों पर छात्र आंदोलन करते रहेंगे? उनकी जो पिछले 8 सालों की मेहनत है उनका हिसाब देगा कौन?

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