बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग में विवाद सुलझने के बजाय और गहराता जा रहा है. अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोबर्ट एल को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी की कॉपी सभी यूनिवर्सिटी के कुलपति को भेजी गई है. केके पाठक ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बताया कि बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट 1976 के जरिए पूछे सवाल अंडर सेक्शन 7 के तहत चांसलर ऑफिसर ऑफ़ द यूनिवर्सिटी होते हैं. बता दें कि कुलपति, रजिस्ट्रार और डीन भी इस श्रेणी में आते हैं. राज्यपाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से शिक्षा विभाग में दखल नहीं देने की गुजारिश की गई है. गौरतलब है कि करीब 2 महीने से राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव चल रहा है. शिक्षा विभाग के बैठकों में कुलपति नहीं पहुंच रहे हैं.
छह बैठकों से दूर रहे सभी
शिक्षा विभाग की नाराजगी इस बात को लेकर है कि अब तक छह बार विश्वविद्यालय अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। कोई नहीं आया। विभाग ने आठ अप्रैल को भी राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में न जाने के बारे में कुलपतियों का कहना है कि शिक्षा विभाग को उनकी बैठक बुलाने का अधिकार ही नहीं है। यह अधिकार सिर्फ राज्यपाल को है। इसलिए कि वे कुलाधिपति हैं। वीसी के खिलाफ कार्रवाई करने या वेतन रोकने का अधिकार सिर्फ कुलाधिपति को है। शिक्षा विभाग अगर ऐसा कर रहा है तो वह नियमों-प्रावधानों के खिलाफ है।