अपने तेवर और फरमानों की वजह से सुर्ख़ियों में रहने वाले बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अब चुनाव आयोग को उचित-अनुचित समझाने लगे हैं. केके पाठक ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी(CEO) को पत्र लिखकर कहा है कि उनके विभाग में आउटसोर्सिंग के जरिए तैनात अस्थायी कर्मियों को लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में लगाना अनुचित है. केके पाठक ने CEO से कहा है कि वो सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दें कि ऐसे स्टाफ को लोकसभा चुनाव के काम में लगाया जाए.
राज्यपाल से ठनी
सोमवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के स्पष्ट बुलावे के बावजूद केके पाठक राजभवन नहीं पहुंचे. हालांकि ये खबर अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि केके पाठक के चुनाव आयोग से पंगा लेने की खबर सामने आ गई. यूनिवर्सिटी के कामकाज में पाठक और शिक्षा विभाग की दखल की वजह से राजभवन और केके पाठक आमने-सामने हैं. राज्यपाल ने इसी सम्बन्ध में केके पाठक को बुलाया था लेकिन वो नहीं पहुंचे. राज्यपाल अपने दफ्तर में इन्तजार करते रहे लेकिन केके पाठक नहीं पहुंचे.