Muzaffarpur : मुजफ्फरपुर में पॉक्सो विशेष कोर्ट-प्रथम की अदालत ने एक, दो वर्ष पुराने मामले में अभियुक्त झामु चौधरी को बाईज्जत रिहा कर दिया है। मामला पूरा यह था कि, जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र के सहवाजपुर निवासी एक व्यक्ति ने चिंटू कुमार उर्फ झामु चौधरी के विरुद्ध अहियापुर थाना में कांड संख्या - 364/23 दिनांक 28.03.2023 को दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, अभियुक्त झामु चौधरी के रवैया से परेशान होकर उनकी पुत्री स्कूल जाना छोड़ दी है और अभियुक्त काफी परेशान करता है। मुकदमे में झामु चौधरी को जेल भी जाना पड़ा था।
झामु चौधरी का परिवार इस मुकदमे में बुरी तरह से टूट चुका था। जिसके बाद पीड़ित परिवार को जानकारी मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा के बारे में मिली। तो वह सीधे अधिवक्ता एस.के.झा से मुलाकात की और सारी बातों को बताया। उसके बाद मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने उसकी ओर से पैरवी करना शुरू कर दिया। मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने जोरदार बहस शुरू किया और सारे तथ्यो को कोर्ट के सामने रखा, उसके बाद कोर्ट ने आरोपी झामु चौधरी को बाईज्जत रिहा कर दिया। अब झामु चौधरी कलंक से मुक्त हो चुका है, जैसे ही उसे निर्णय सुनाया गया, उसके बाद सीधे वह अपने अधिवक्ता के पास पहुंचा और अधिवक्ता को पैर छूकर प्रणाम किया और अधिवक्ता एस.के.झा ने उसे सीने से लगा लिया।
झामु चौधरी ने अपने अधिवक्ता से वादा किया कि अब वह भी समाज में गरीबों की मदद करेगा और अब वह अपना घर भी बसायेगा, उसके बाद झामु चौधरी अपने घर के लिए निकल पड़ा। मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि, आरोपी झामु चौधरी काफ़ी गरीब परिवार का लड़का था। झामू चौधरी ने बताया कि, मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा के बदौलत मुझे नई जिंदगी मिली है, मैं उम्मीद छोड़ चुका था। मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने जोर देकर कहा कि, सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता है। यह कानून में विश्वास रखने वाले लोगों की जीत है।