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मकर संक्रांति के पर्व के साथ खत्म हुआ खरमास, अब शुरु होंगे मांगलिक कार्य

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देश भर में आज मकर संक्रांति के पावन पर्व को लेकर उत्सव का माहौल है. हिंदू धर्म में भगवान सूर्य से जुड़े कई त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है उन्‍हीं से एक है मकर संक्राति. प्रकृति की उपासना के इस पावन पर्व में भगवान भाष्कर की आराधना की जाती है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य के गोचर से खरमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. वहीं, पौराणिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा और पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन के सारे पाप कट जाते हैं. 

मकर संक्रांति शुभ तिथि 2024

बता दें कि, हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार का विशेष महत्व होता है. आज सुबह तड़के सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं. सूर्यदेव एक महीने तक मकर राशि में रहेंगे. सूर्य के मकर राशि में आने से पिछले एक महीने से चला आ रहा खरमास अब खत्म हो गया है. खरमास के खत्म होते ही सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य अब फिर से शुरू होंगे. खरमास खत्म होते ही एक बार फिर से लोगों के घरों में शहनाईयां गूंजेंगी.

आज के दिन तिल के दान का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के त्योहार के अवसर पर तिल के दान का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति पर तिल का दान करने से कुंडली में शनि मजबूत होते हैं. इसके अलावा मकर संक्रांति पर तिल से बनी चीजों का सेवन करने और तीर्थ स्थानों और मंदिरों में दान करना चाहिए.

खिचड़ी का दान का क्या है महत्व

मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम से उत्तर भारत के कुछ हिस्सो में मनाया जाता है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने और खिचड़ी की सामग्री को दान करने का विशेष महत्व होता है. खिचड़ी के दान करने से कुंडली में जो भी ग्रह कमजोर होता है वह मजबूत हो जाता है. जो लोग मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान करते हैं उनके घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो आज का दिन बेहद ही खास माना जाता है.

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