शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तकरार लगातार चर्चे में बना हुआ है. दोनों के बीच वाद-विवाद बढता ही जा रहा है. यहां तक कि सरकार की ओर से भी इस मामले को सुलझाया नहीं जा सका है. शिक्षा विभाग की ओर से एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि कई बार बैठकें बुलाई गई लेकिन वीसी हैं कि बैठक में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हैं. इस बीच एक बार फिर से शिक्षा विभाग ने राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक आठ अप्रैल को बुलायी है. राजभवन में 20 मार्च को कुलपतियों की हुई बैठक में जिन समस्याओं की ओर विश्वविद्यालयों ने ध्यान आकृष्ट कराया था, उसी संदर्भ में विभाग ने यह बैठक बुलायी है.
इस वजह से बुलाई बैठक
इससे पहले आपको याद दिला दें कि, राजभवन में हुई बैठक में मुख्य रूप से कुलपतियों ने विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर लगायी गई रोक से हो रही समस्याओं को विस्तार से रखा था. तो वहीं अब शिक्षा विभाग के उप निदेशक दीपक कुमार सिंह ने सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस बैठक से संबंधित पत्र शुक्रवार को भेजा है. यह बैठक विभाग की उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमार के कक्ष में होगी. कुलपतियों को लिखे पत्र में विभाग ने कहा है कि, आपलोगों के पत्र माध्यम से राज्यपाल के प्रधान सचिव का ध्यान कई बिंदुओं पर आकृष्ट कराया गया है. उन बिंदुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए आठ अप्रैल को बैठक आयोजित की गयी है.
इन 7 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बुलाया
वहीं, बात कर लें विभाग की पिछली लगातार पांच बैठकों में कुलपति शामिल नहीं हुए हैं. ऐसे में सबकी नजरें आठ अप्रैल पर होंगी कि इस बार कुलपति शिक्षा विभाग की बैठक में आते हैं या नहीं. इधर, विभाग ने जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बुलाया है, उनमें पाटलिपुत्र, मुंगेर, तिलकामांझी, मगध, नालंदा खुला, पूर्णिया और अरबी-फारसी विश्वविद्यालय शामिल है. इसके पहले 28 मार्च को विभाग ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों समेत अन्य पदाधिकारियों की बैठक पटना के एक होटल में बुलायी थी. इसमें एक भी कुलपति नहीं आये थे. वहीं, आपको यह भी याद दिला दें कि, शिक्षा विभाग की ओर से पहली बार विश्वविद्यालयों को लेकर बड़ा एक्शन लिया गया था. दरअसल, विश्वविद्यालयों के पीएल खाते से राशि निकाल ली गई थी. तो वहीं, अब इस बैठक को लेकर सभी की निगाहें टिकी हुई है.