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बिहार के युवाओं को केके पाठक ने दे दी है खुशखबरी! नौकरी की कर लें तैयारी, जल्द आएगी गेस्ट टीचरों की वेकेंसी

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार शिक्षकों की भर्ती को लेकर बेहद एक्टिव नजर आ रही है. बीपीएससी के जरिए लगातार शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक खुद सूबे की शिक्षा व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए लगातार दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं. इसी बीच बिहार शिक्षा विभाग ने एक और बड़ा फैसला लिया है. केके पाठक के विभाग ने अब यूनिवर्सिटी में गेस्ट टीचर की भर्ती का प्लान तैयार किया है. इसके मुताबिक, प्रदेश की यूनिवर्सिटी में खाली पोस्ट को भरने के लिए अब गेस्ट टीचर की भर्तियां की जाएंगी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी भी तेज कर दी है. ऐसे में अगर आप भी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने को लेकर तैयारी में जुटे हैं तो नौकरी की तैयारी कर लीजिए. गेस्ट टीचर को लेकर भर्तियां जल्द ही निकलने जा रही हैं.

यूनिवर्सिटी में गेस्ट टीचर की नियुक्ति

बिहार के विश्वविद्यालयों में अब नियमित एकेडेमिक एक्टिविटी को सुनिश्चित करने के लिए खाली पदों पर गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी है. विश्वविद्यालयों को वोकेशनल और सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के लिए शिक्षकों के पद भी मिलेंगे. शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई है. इसी में ये फैसला लिया गया है. बैठक में बिहार राज्य उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष कामेश्वर झा भी शामिल हुए.

शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला

विश्वविद्यालय अब तक अलग-अलग विषयों में केवल सहायक प्रोफेसरों के खाली स्वीकृत पदों पर गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति करते रहे हैं. अब वे कमी को पूरा करने के लिए एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भी गेस्ट टीचर की नियुक्ति कर सकेंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में स्वीकृत सीटों की संख्या के आधार पर शिक्षकों के पद स्वीकृत किए जाएंगे. स्वीकृत किए जाने वाले पदों की संख्या के आधार पर एक, दो या इससे भी अधिक हो सकती है.

विभाग ने बताया कैसे मिलेगी टीचर को सैलरी

अगर गेस्ट टीचर की नियुक्ति यूनिवर्सिटी की ओर से नियमित तौर पर संचालित कोर्स में होता है तो उनकी सैलरी सरकार की ओर से स्वीकृत अनुदान से किया जाएगा. अगर शिक्षकों की नियुक्ति यूनिवर्सिटी के सेल्फ फाइनेंसिंग मोड के तहत चलने वाले कोर्स में होती है तो इसका पेमेंट संबंधित संस्थानों की ओर से किया जाएगा. शिक्षा विभाग ने पहले से ही राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से अलग-अलग कॉलेज और पोस्ट ग्रेजुएशन विभागों में चल रहे सेल्फ फाइनेंसिंग पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी मांगी है. जिससे उनकी गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और उनके फीस स्ट्रक्चर और एकेडमी में जरूरी एकरूपता लाई जा सके.

रिसर्च स्कॉलर और टीचर की तैयारी करने वालों के लिए गुड न्यूज

शिक्षा विभाग की ओर से एक और अहम फैसला लिया गया जिसमें चुने गए 100 बेस्ट रिसर्च स्कॉलर्स को वित्तीय अनुदान देने का फैसला लिया गया है. इसमें वो कैंडिडेट्स होंगे जो एक वर्ष में विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से आयोजित प्री-पीएचडी रजिस्ट्रेशन टेस्ट (PRT) पास किया है.अगले साल से, पीआरटी सभी विश्वविद्यालयों के लिए केंद्रीकृत आधार पर आयोजित किया जाएगा. वित्तीय सहायता केवल उन्हीं स्कॉलर्स को दी जाएगी जिन्हें किसी दूसरे सोर्स से रिसर्च कार्य के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती है. राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (BET/SLET) शुरू करने का निर्णय लिया गया.

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