शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक हमेशा की तरह फुल एक्शन मोड में हैं और इसी के साथ एक और कड़ा आदेश जारी कर दिया है. दरअसल, मामला गोपालगंज जिले से जुड़ा हुआ है जहां के कुछ स्कूलों में जांच के दौरान अनियमितता पाई गई. फिर क्या, शिक्षा विभाग के द्वारा एक्शन ले लिया गया और साफ तौर पर प्रधानाध्यापकों को एक सप्ताह के अंदर सुधार करने का निर्देश दिया गया. इतना ही नहीं, आदेश देने के साथ-साथ चेतावनी भी दे दी गई है. कहा गया है कि, यदि सात दिन के अंदर सुधार नहीं होता है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. क्या कुछ पूरा मामला है, आपको विस्तार से बताते हैं...
निरीक्षण के दौरान दिखी लापरवाही
मालूम हो कि, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा स्कूलों के निरीक्षण को लेकर आदेश दिया गया है. इसी आदेश को लेकर डीपीओ समग्र शिक्षा रंजीत पासवान ने विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण किया. जांच के दौरान विभिन्न प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर डीपीओ ने सभी प्रधानाध्यापकों को सख्त निर्देश जारी किया है. इसके साथ ही उन्होंने एक सप्ताह के अंदर सभी कमियों को दूर करने की समय सीमा भी तय की है. जानकारी के मुताबिक, डीपीओ ने साफ तौर पर कह दिया है कि, एक सप्ताह के अंदर सभी कमियों को दूर नहीं करने पर राशि गबन की प्राथमिकी दर्ज कर विभाग को रिपोर्ट की जाएगी. इन विद्यालयों में बैकुंठपुर प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय सेरहापुर सिरसा, विजयीपुर प्रखंड का नवसृजित प्राथमिक विद्यालय छितौना टोला और फुलवरिया प्रखंड का नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सावनहीपट्टी शामिल हैं.
प्रधानाध्यापकों को दिया निर्देश
एक हिंदी वेबसाइट की माने तो, जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि, विद्यालय में जो भी कमियां पाई जाएं, उन्हें दूर करें और सुधार कार्य के बाद ली गई फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट जिला कार्यालय को प्रस्तुत करें. निर्देश में कहा गया है कि, अगर सुधार नहीं किए गए तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक की होगी. ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग को लापरवाह प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. साथ ही उन्होंने जूनियर इंजीनियर को निर्देश दिया कि, वे अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी विद्यालयों का निरीक्षण कर पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. जिला शिक्षा अधिकारी के सख्त निर्देश से अनियमितता करने वाले प्रधानाध्यापकों में भय का माहौल है.
ये सभी पाई गई कमियां
वहीं, बात करें स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पाए गए गड़बड़ियों की तो, स्कूल में प्लास्टिक पेंट से रंगाई-पुताई नहीं की गई है. राज्य कार्यालय के निर्देश और मानक के अनुसार ब्लैकबोर्ड पर काला रंग नहीं किया गया है. इसके अलावे दीवारों की पेंटिंग सही ढंग से नहीं की गई है. साथ ही शौचालय में टाइल्स भी नहीं लगाया गया है. इन सभी कमियों को देखते हुए डीपीओ ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सख्त निर्देश जारी किया है. उन्होंने बताया कि, विद्यालय में समग्र विद्यालय अनुदान की वार्षिक राशि का उपयोग होने के बावजूद भी विद्यालय की स्थिति अच्छी नहीं है, जो काफी दुखद है. तो कुल मिलाकर देखा जाए तो केके पाठक ने एक और फरमान जारी कर दिया जिससे हड़कंप मच गया है. बता दें कि, केके पाठक अक्सर लापरवाही दिखने के बाद एक्शन जरुर ही लेते हैं, ऐसे में एक और बड़ा एक्शन ले लिया है.