PATNA- पोशाक योजना को लेकर बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला किया है अब छात्र-छात्राओं के पोशाक योजना के लिए किसी प्रकार की राशि नहीं दी जाएगी बल्कि उन्हें अब स्कूल की तरफ से ही पोषक उपलब्ध कराया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग की बैठक में यह फैसला लिया गया है. इस फैसले के अनुसार राज्य के सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को अब राशि के बदले पोशाक मिलेगी। दो जोड़ी पोशाक के साथ बच्चों को एक जोड़ी जूते-मोजे मिलेंगे। टाई मिलेगी। जाड़े में पहनने के लिए बच्चों को स्वेटर भी मिलेंगे।प्रारंभिक विद्यालयों के पहली से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली एक जोड़ी पोशाक में एक हाफ शर्ट एवं एक हाफ पैंट तथा एक फूल शर्ट एवं एक फूल पैंट होंगे। इससे छात्र गर्मी में हाफ पैंट और हाफ शर्ट में तथा जाड़ा में फूल पैंट एवं फूल शर्ट पहन सकेंगे.छात्राओं को दो जोड़ी सलवार और कमीज मिलेगी. वहीं कक्षा नौवीं से बारहवीं तक की छात्राओं को भी दो जोड़ी सलवार और कमीज मिलेगी। साथ में एक जोड़ी जूते-मोजे एवं एक स्वेटर भी दिये जाएंगे।
इन बच्चों को यह पोशाक एजेंसी के माध्यम से दी जाएगी. इसके लिए निविदा निकालने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश अपर मुख्य सचिव ने दिया है. अभी की व्यवस्था के अनुसार छात्र-छात्राओं को पोशाक योजना के लेकर नगद राशि डीबीटी के माध्यम से खाते में उपलब्ध कराई जाती थे, पर ऐसा देखा जाता था कि छात्र-छात्राओं के अभिभावक इस राशि का दूसरे मध्य में उपयोग कर लेते थे और कई छात्र-छात्रा बिना ड्रेस के ही स्कूल आते थे, इसलिए शिक्षा विभाग ने अब नगद राशि देने के बजाय पोशाक उपलब्ध कराने का फैसला किया है. पहले पहली से पांचवीं तक के छात्र-छात्राओं को पोशाक राशि के मद में प्रति वर्ष 600 रुपये और कक्षा छठी से आठवीं तक के प्रत्येक छात्र-छात्रा को प्रति वर्ष 700 रुपये की दर से राशि उनके खाते में भेजी जाती थी.