बिहार में जल्द ही नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा होनी है और यह परीक्षा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. शुरुआत से ही नियोजित शिक्षकों की ओर से इस परीक्षा का बहिष्कार किया जा रहा है. आंदोलन करने तक की चेतावनी दी जा रहा है. तो वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने भी तैयारी कर ली है और अब एफआईआर का डंडा शिक्षकों पर चल सकता है. बता दें कि, केके पाठक अपनी कड़ी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. बीते कुछ महीनों में सरकारी स्कूलों से लेकर टीचर और कर्मचारियों को लेकर नए-नए आदेश जारी करते रहे हैं. इसी क्रम में एक और नया आदेश केके पाठक ने जारी कर दिया है.
परीक्षा में हुए फेल तो जाएगी नौकरी
पहले बात कर लें सक्षमता परीक्षा की तो, नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा तभी मिलेगा जब सक्षमता परीक्षा पास करेंगे. जिसके लिए उन्हें तीन मौके मिलेंगे. अगर इसमें पास कर जाते हैं तो उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा. लेकिन, अगर तीनों बार फेल हुए तो, शिक्षक सेवा से हटा दिए जायेंगे. इसी निर्णय का बहिष्कार शिक्षक संघ की ओर से किया जा रहा है. इस निर्णय के विरोध में शिक्षक संघ ने 13 फरवरी को विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया है. इसी मामले पर नया आदेश केके पाठक की ओर से जारी किया गया है. सक्षमता परीक्षा के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने के नियोजित शिक्षकों द्वारा किये गये ऐलान पर शिक्षा विभाग ने कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि, विभाग ने ऐसे शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने समेत अन्य कार्रवाई का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया है.
जिलाधिकारियों को जारी किया पत्र
विभाग ने जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि, प्राप्त जानकारी के अनुसार नियोजित शिक्षकों के द्वारा सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करने और 13 फरवरी को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है. 13 फरवरी को विद्यालय खुले हुए हैं. ऐसी स्थिति में शिक्षकों का विद्यालय छोड़कर धरना-प्रदर्शन में शामिल होने से यह स्पष्ट होगा कि, उनके द्वारा विद्यालयों में शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है. आगे यह भी लिखा कि, यदि आपके जिले में नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उसे आईपीसी की धारा 141 के तहत गैरकानूनी सभा मानते हुए आवश्यक कार्रवाई करें. साथ ही आईपीसी की धारा 186, 187 और अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाए. इसके साथ ही वैसे धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय नियमावली के आलोक में कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाए.
26 फरवरी से शुरू होगी परीक्षा
बता दें कि, सक्षमता परीक्षा मेंशामिल होने के लिए हर शिक्षक से तीन जिलों का विकल्प भी मांगा जा रहा है. परीक्षा के बाद बनने वाली मेधा सूची के आधार पर विकल्प वाले जिले में शिक्षकों को स्कूल आवंटित किया जाएगा. विशिष्ट शिक्षकों को बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित होने वाले शिक्षक की तर्ज पर वेतनमान और अन्य सुविधाएं जाएंगी. साथ ही इन्हें वेतन संरक्षण का भी लाभ दिया जाएगा. यह भी याद दिला दें कि, सक्षमता परीक्षा के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. 26 फरवरी से परीक्षा शुरू होगी. लेकिन, सक्षमता परीक्षा से पहले ही शिक्षकों का जमकर बवाल देखने के लिए मिल रहा है. अब देखना होगा कि, 13 फरवरी को आखिर शिक्षकों की ओर से क्या कुछ एक्शन लिए जाते हैं.