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केके पाठक के एक्शन का शिक्षकों पर असर बेअसर, विभागीय रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

KK Pathak's action has no effect on teachers, big revelation

कड़क आईएएस अधिकारी केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी ली है, तब से वह लगातार शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का हर एक प्रयास कर रहे हैं. सख्ती से आदेश जारी कर रहे हैं ताकि स्कूलों की स्थिति सुधरे. बच्चे और शिक्षक दोनों नियमित स्कूल पहुंचे, ताकि शिक्षा व्यवस्था में कोई बाधा ना आए. लेकिन, कुछ शिक्षक हैं कि सुनने के लिए तैयार ही नहीं हैं. दरअसल, विभागीय रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. जिसके बाद यह मुद्दा चर्चे में बना हुआ है. खबर की माने तो, विभागीय रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि राज्यभर के स्कूलों में नियमित रूप से चल रहे सघन निरीक्षण के बाद भी रोजाना औसतन 300 से अधिक शिक्षक गायब रहते हैं.     

विभागीय रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, पहले से बिना सूचना के स्कूलों से दूर रहने वाले शिक्षकों से संपर्क भी नहीं हो पाता है. जिलों से जो रिपोर्ट आई है उसकी माने तो, बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की संख्या फिर बढ़ गई है. खबर की माने तो, नियमित निरीक्षण से स्कूलों से बिना किसी सूचना के रोजना अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की संख्या घटकर एक 100 के आस-पास पहुंच गई थी. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से इसमें फिर से इजाफा हो गया है. जिलों से प्राप्त रिपोर्ट की माने तो, 9 अप्रैल को राज्यभर में 372 शिक्षक बिना परमिशन के स्कूल से गायब मिले थे. इनमें सबसे अधिक दरभंगा के 23 शिक्षक थे. यह भी बताया गया है कि, नयी व्यवस्था के तहत 15 हजार से अधिक स्कूलों में हर दिन दो बार निरीक्षण होता है. भोजनावकाश के पहले और फिर इसके बाद भी. यही वजह है कि, स्कूल से अनुपस्थित पाये जाने वाले शिक्षकों के अधिक मामले आ रहे हैं. 

जिलों को दिया गया है निर्देश

इधर, जिलों को निर्देश है कि बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का उस दिन का वेतन काट लिया जाएगा. इसी क्रम में जुलाई, 2023 से अब-तक 16 हजार से अधिक शिक्षकों के वेतन में कटौती की गई है. विभाग के निर्देश पर सभी जिलों में प्रतिदिन 60 हजार स्कूलों में पदाधिकारी और कर्मी जाकर वहां की गतिविधियों की जानकारी लेते हैं. इसके बाद वह लिखित रूप से अपने जिले में रिपोर्ट देते हैं. इसके साथ ही स्कूलों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन, परिसर और शौचालय की साफ-सफाई और शैक्षणिक गतिविधि का जायजा निरीक्षण के दौरान लिया जाता है. वहीं, इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से क्या कुछ एक्शन लिए जाते हैं, यह देखने वाली बात होगी. 

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