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स्कूल संचालन को लेकर राज्यपाल की चिट्ठी के बीच KK पाठक का नया आदेश, शिक्षकों की बढ़ी परेशानी

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DESK-बिहार के राज्यपाल और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के के पाठक के बीच एक बार फिर से टकराव देखने को मिल रहा है. एक तरफ राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को पत्र लिखकर स्कूलों में गर्मी की छुट्टी जून के पहले सप्ताह तक विस्तारित करने की अपील की है. राज्यपाल के प्रधान सचिव की तरफ से लिखे गए पत्र के बाद मुख्य सचिव की तरफ से अभी तक किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया गया है. 

वहीं दूसरी तरफ अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने इस अपील के बाद स्कूलों में शिक्षकों को लेकर नया आदेश जारी कर दिया है. अब सभी शिक्षकों को 5:45 में ही स्कूल आना होगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है.इस निर्देश के बाद सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश निकलने शुरू कर दिया है. इस संबंध में मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी का पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.इस पत्र में कहा गया कि हर हाल में चेतना सत्र का संचालन सुबह 6 बजे करना है. इतना ही नहीं, स्कूल पहुंचते ही शिक्षकों को सेल्फी भेजनी होगी. नोटकैम से एचएम ग्रुप में सुबह 06:05 मिनट तक सेल्फी भेजनी होगी. वहीं अब छुट्टी के बाद यानी 1.30 बजे के बाद की सेल्फी मान्य होगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो एचएम समेत सभी शिक्षक अनुपस्थित माने जाएंगे. सभी की वेतन कटौती का आदेश दिया जाएगा. केके पाठक के इस आदेश के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है.

 वही के के पाठक के इस आदेश के बाद शिक्षक संघ ने फिर से विरोध जताया है और आरोप लगाया है कि क पाठक शिक्षकों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. सुबह 6:00 बजे से स्कूल संचालित करने को लेकर पहले से ही विरोध जताया गया था, क्योंकि इतनी सुबह स्कूल आने में शिक्षकों के साथ ही छात्र-छात्राओं को भी परेशानी होती है. इसमें सुधार करने के बजे के पाठक ने 5:45 में ही शिक्षकों को आने का नया आदेश जारी किया है. शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप की अपील की है. अब देखना है कि राज्यपाल के  प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में मुख्य सचिव कोई निर्णय लेते हैं, या विधान पार्षद द्वारा पहले भी मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए पत्र पर कोई कार्रवाई होती है, अथवा शिक्षा विभाग में सिर्फ के के पाठक का है आदेश चलता है.

 वही मुंगेर में वायरल हो रहे पत्र पर शिक्षा विभाग में स्पष्टीकरण दिया है. पर वायरल पत्र को पूरी तरह से फर्जी करार दिया है.

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