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KK Pathak के आदेश ने फिर मचाई खलबली, इस बार BEO साहब हैं परेशानी में, अब क्या होगा ?

KK Pathak's order again created panic, this time BEO sir is

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक चर्चे में ना रहे अब तो ऐसा हो ही नहीं सकता है. कभी स्कूलों की छुट्टियों को लेकर तो कभी शिक्षकों के बवाल को लेकर. वहीं, खुद के फरमानों के लेकर तो वे हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं. कई बार केके पाठक का विरोध किया गया लेकिन उसका केके पाठक की कार्यशैली पर कोई भी प्रभाव नहीं देखा गया. वे बेधड़क अपने ही अंदाज में लगातार काम कर रहे हैं. इस बीच एक और आदेश केके पाठक ने जारी कर दिया है, जिसके बाद से अधिकारियों के बीच खलबली मच गई है. इस बार केके पाठक ने वैसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है, जो फोन नहीं उठाते हैं. क्या कुछ पूरा मामला है, आपको विस्तार से बताते हैं...

बीईओ पर चलाया डंडा

सबसे पहले आपको याद दिला दें कि, केके पाठक पहले भी हेडमास्टर और वैसे शिक्षकों का वेतन बंद करते रहे हैं, जिनके काम में लापरवाही दिखती है या फिर उनसे जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत मिलती है. इस बार केके पाठक का डंडा 25 जिलों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर चला है. इतना ही नहीं, केके पाठक ने इन अधिकारियों पर आरोप पत्र दाखिल करने की बात कही है. साफ तौर पर केके पाठक ने राज्य के 25 जिलों के 67 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (बीईओ) का वेतन भुगतान रोकने का आदेश जारी किया है. वहीं, इस आदेश को जारी करते हुए शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आई शिकायतों के संबंध में फोन कर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से जानकारी ली जाती है. 

बीईओ से मांगा गया स्पष्टीकरण 

इसी क्रम में कई पदाधिकारी फोन ही नहीं उठाते हैं. यह खेदजनक है. कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से आने वाले कॉल का जवाब क्यों नहीं देते, इसका स्पष्टीकरण मांगा गया है. बार-बार कॉल के बाद भी पदाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. शिक्षा विभाग ने कहा है कि, अगर पहले से इनका वेतन बंद है तो इनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित करें. अगर पहले से कोई निलंबित है या आरोप पत्र गठित है तो पूरक आरोप पत्र गठित करते हुए कठोर कार्रवाई की अनुशंसा करें. साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, इस बार बीईओ साहब केके पाठक के रडार पर हैं. लापरवाही दिखते ही कड़ा आदेश जारी कर दिया है. 

25 जिलों बीईओ हैं शामिल

इस बीच यह भी बता दें कि, जिन 25 जिलों के बीईओ शामिल हैं, उन जिलों में अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, किशनगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, सीवान, शेखपुरा, सुपौल, वैशाली और पश्चिम चंपारण शामिल हैं. अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विभाग को कहा है कि, तुरंत इन पर कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट दी जाए. केके पाठक की कार्रवाई से जिलों के शिक्षा कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है. देखना होगा कि, आगे क्या कुछ एक्शन होता है.

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