Join Us On WhatsApp

बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के लिए फिर आया केके पाठक का फरमान, देनी पड़ेगी जानकारियां

KK Pathak's order came again for all the universities of Bih

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का ताबड़तोड़ फरमानों को जारी करने का सिलसिला थमने का तो नाम ही नहीं ले रहा है. सरकारी स्कूल के शिक्षकों के बीच केके पाठक को लेकर जिस तरह से आक्रोश है, यह किसी से भी छिपा नहीं है. खासकर नियोजित शिक्षकों का मुद्दा इन दिनों पूरी तरह से गरमाया हुआ है. नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से डटे हुए हैं. पिछले दिनों केके पाठक और राजभवन के बीच भी जबरदस्त तकरार की खबरें सामने आई थी. कई बार राजभवन और केके पाठक के बीच ठन गई. इस बीच बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के लिए एसीएस केके पाठक ने आदेश जारी कर दिया है. 

बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के लिए फरमान

दरअसल, बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों की शैक्षणिक और अन्य गतिविधियों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग लेगा. इसके लिए विभाग की ओर से नई व्यवस्था की गयी है, जिसमें 12 अलग-अलग समूह बनाये गये हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को हर दिन पठन-पाठन से संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट देनी है. बता दें कि, सभी सरकारी स्कूलों में यह काम पहले से चल रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा गठित हर समूह के लिए एक पदाधिकारी चिह्नित किये गये हैं, जो प्रतिदिन शाम में पांच बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी और कॉलेज प्राचार्य से रिपोर्ट लेंगे. 

शिक्षा विभाग को देनी होगी सभी जानकारियां

साथ ही साथ विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति क्या रही, कितनी कक्षाएं चलीं, ये सभी जानकारियां विभाग लेगा. इसके साथ ही आवश्यक निर्देश भी संस्थानों को विभाग के द्वारा दिया जाएगा. वहीं, वहीं, इस व्यवस्था को लागू करने के लिए राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र जारी किया है. बता दें कि, विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव पटना विवि, पाटलिपुत्र विवि और जयप्रकाश विवि के अंगीभूत कॉलेजों की रिपोर्ट प्रतिदिन लेंगे. इसी प्रकार तमाम पदाधिकारियों को अलग-अलग संस्थानों की जिम्मेदारी दी गयी है. इतना ही नहीं, हर समूह में एक-एक सहयोग और डाटा इंट्री ऑपरेटर को भी रखा गया है ताकि, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की ओर से जो भी जानकारी दी जा रही है, वह विभाग में अंकित भी होता रहे. 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे प्राचार्य 

जानकारी के मुताबिक, कॉलेजों के प्राचार्य खुद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे और तमाम जानकारी देंगे. वहीं, शिक्षा विभाग के इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बनेगा और बिहार के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. फिलहाल, लेट सेशन और कॉलेजों में क्लास नहीं होना बिहार के विश्वविद्यालयों की बड़ी समस्या है जिसे पटरी पर लाने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं. तो कुल मिलाकर देखें तो केके पाठक को लेकर चर्चे तो हर तरफ हो रहे हैं लेकिन इससे शिक्षा विभाग की ओर से एक्शन में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं देखी जा सकती. हालांकि, केके पाठक के इस कदम से विश्वविद्यालयों की आने वाले दिनों में क्या कुछ स्थिती होती है, यह तो देखने वाली बात होगी.  

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp