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स्कूल के नए टाइम टेबल पर शिक्षक संघ और MLC ने खोला मोर्चा, अब क्या करेगें KK पाठक..

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PATNA- 1 महीने की गर्मी की छुट्टी के बाद बिहार के सभी सरकारी स्कूल अब सभी बच्चों के लिए नियमित रूप से आज से खुल गए हैं. अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश से स्कूल सुबह 6 बजे से 1:30 बजे तक संचालित होगा. आज पहले दिन अधिकांश शिक्षक समय से आए पर कई शिक्षकों को विभिन्न वजहों से सुबह 6 आने में विलंब हो गया. जिसका खामियाजा उन्हें आने वाले दिनों में वेतन कटौती के रूप में भुगतना होगा.

  के के पाठक के सुबह 6 बजे से स्कूल शुरू करने के आदेश का चौतरफा विरोध हो रहा है. शिक्षक संघ ने इस आदेश की मुखालफत की है  और इसे शिक्षक के साथ ही छात्र विरोधी भी बताया है. शिक्षक संघ ने विभाग से स्कूल के टाइम टेबल में बदलाव करने की मांग की है, और इसे व्यावहारिक बनाने पर जोर दिया है ताकि छात्रों और शिक्षकों को  वेवजह की परेशानी न झेलना पड़े.

 वहीं स्कूल के नई टाइम टेबल से शिक्षकों को हो रही परेशानी को लेकर कई विधान पार्षदों ने भी के के पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस कड़ी में कांग्रेस के विधान पार्षद मदन मोहन झा के आवास पर बैठक हुई, जिसमें विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के भी कई विधान पार्षद शामिल हुए और स्कूल के नए समय सारणी को लेकर के पाठक के आदेश को वापस लेने की मांग की. इन पार्षदों ने सीएम नीतीश कुमार से हस्तक्षेप  करने की मांग की. वही सत्ताधारी भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने स्कूल के नए समय सारणी को के के पाठक का पागलपन बताया है. उन्होंने कहा है कि के के पाठक शिक्षकों को बंधुआ मजदूर समझते हैं. इसके लिए वे संबंधित विभाग के मंत्री के साथ ही CM से हस्तक्षेप की मांग की है, और स्कूल के टाइमिंग को व्यावहारिक बनाने  पर जोर दिया है.

 बताते चलें कि गर्मी की छुट्टी में पहली बार बिहार  शिक्षकों को स्कूल रोजाना आना पड़ा. 15 अप्रैल से 15 मई की गर्मी छुट्टी के बाद 16 मई से स्कूल नियमित रूप से खुल गई है. 16 में से 30 जून तक सुबह 6 से  1:30 बजे तक स्कूल संचालित करने का आदेश हुआ है. काफी शिक्षक स्कूल से दूर रहते हैं और उन्हें सुबह 6 बजे तक स्कूल आने में परेशानी हो रही है. इसलिए इस समय सारणी का चौतरफ़ा विरोध हो रहा है, अब देखना है कि इस विरोध का के के पाठक पर क्या असर पड़ता है.

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