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KK पाठक की कार्यशैली से TEACHER के साथ ही DM भी खौफ में, पत्र हुआ VIRAL..

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DESK - बिहार के शिक्षा विभाग के ACS  के के पाठक की कार्यशैली से न सिर्फ विभागीय कर्मचारी और शिक्षक डरे हुए रहते हैं बल्कि कई जिलों के जिलाधिकारी भी के के पाठक की कार्यशैली से खौफ खाते हैं और उनके आदेश के खिलाफ अपने पावर का इस्तेमाल करने से भी डरते हैं.

 इसका एक उदाहरण दरभंगा के जिलाधिकारी के एक पत्र से लगाया जा सकता है जिसमें भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए स्कूल के समय में बदलाव करने से पहले उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है. इस पत्र में उन्होंने भीषण गर्मी और लू की वजह से आंगनबाड़ी और मिशन दक्ष के लिए संचालित हो रहे स्कूल की टाइमिंग सुबह 7 से 9 बजे तक करने की अनुमति मांगी है जबकि जिलाधिकारी को इस तरह की आपदा की स्थिति में खुद धारा 144 के तहत आदेश जारी करने का पावर मिला हुआ है. इस आदेश का इस्तेमाल करते हुए पटना,गया,नवादा समेत कई अन्य जिलों के जिलाधिकारियों ने स्कूल के समय में बदलाव  का आदेश जारी किया है, पर ध्यान देने वाली बात है कि इन जिलों के जिलाधिकारियों ने भी के के पाठक के आदेश  को ध्यान में रखा है. केके पाठक ने मिशन दक्ष का समय सुबह 8 बजे से 10 बजे तक रखा है यही वजह है कि पटना के जिलाधिकारी ने धारा 144 के तहत आदेश निका लते समय स्कूल की टाइमिंग 10:30 के बाद प्रतिबंधित किया है यानी उनके आदेश से के के पाठक के आदेश पर किसी प्रकार का असर पड़ने वाला नहीं है, जबकि दरभंगा के जिलाधिकारी सुबह 7 से 9 बजे तक स्कूल की टाइमिंग करना चाहते हैं, और धारा 144 के तहत सुबह 7 से 9 तक आदेश निकलने पर के के पाठक के आदेश पर असर परना लाजमी था यही वजह है कि दरभंगा के जिलाधिकारी ने धारा 144 के तहत अपने पावर का इस्तेमाल करने के बजाय मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है.

 दरभंगा के जिलाधिकारी  के पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई सामाजिक कार्यकर्ता डीएम के विवेक पर सवाल उठा रहे हैं और उन्हें के के पाठक से डरा हुआ बता रहे हैं. अब देखना है कि दरभंगा के जिलाधिकारी के पत्र के आलोक में बिहार के  मुख्य सचिव क्या फैसला करते हैं.

 बताते चलें कि पिछले साल ठंड के मौसम में पटना समेत कई जिलों के जिलाधिकारी ने स्कूल के समय में बदलाव किया था जिस पर के के पाठक ने कड़ी आपत्ति जताई थी और डीएम के आदेश को शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया था. इस मामले में के के पाठक के आदेश का पटना के तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने विरोध भी जताया था और सरकार के वरीय अधिकारी से हस्तक्षेप  की मांग की थी लेकिन उस समय सरकार के द्वारा के के पाठक के आदेश के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई थी. यही वजह है कि इस बार गर्मी की छुट्टी में डीएम आदेश निकलने के दौरान के के पाठक के आदेश  का ध्यान रख रहे हैं.

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