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बिहार बोर्ड एग्जाम को लेकर केके पाठक सख्त, शिक्षकों को मिले नए फरमान से टेंशन में DEO

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हम शिक्षक हैं. हाड़-मांस से बने हुए इंसान. हमारा काम है बच्चों को अच्छे से पढ़ाना. वो हम कर रहे हैं. उसके अलावा कई तरह की रिपोर्ट बनाते हैं. अब तो पाठक साहब के आदेश से हम अपनी घंटी का विवरण भी निर्धारित फॉर्मेट में विभाग को सौंपेंगे. स्कूल की साफ-सफाई से लेकर कमजोर बच्चों का ध्यान रखने तक सब कुछ हम लोग कर रहे हैं. सभी आदेशों का पालन हो रहा है. उसके ऊपर से लगातार कुछ न कुछ आदेश आते रहते हैं. शिक्षकों को शिक्षक रहने दीजिए. मशीन मत बनाइए. जी हां, फोन करते हुए कुछ इसी तरह का जवाब शिक्षकों की ओर से मिलता है. 

बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड में मध्य विद्यालय में गत 17 सालों से कार्यरत एक शिक्षक का यही जवाब था. उनसे जब पूछा गया कि बोर्ड परीक्षा को लेकर नया आदेश जारी हुआ है. उसके बाद वो गुस्से में आ गए. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग मूल बात पर ध्यान देने की जगह आदेश-आदेश खेल रहा है. केके पाठक की ओर से बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को बोर्ड परीक्षा को लेकर एक विशेष आदेश जारी किया गया है.

बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर लगातार सख्ती बरती जा रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओ से नए-नए नियम लागू किए जा रहे हैं. अब एक और नया आदेश जारी हुआ है. शिक्षकों ने लापरवाही की तो उन पर कार्रवाई हो सकती है.

सबसे पहले आइए जानते हैं, बोर्ड परीक्षा को लेकर केके पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को क्या आदेश जारी किया है. केके पाठक की ओर से हस्ताक्षरित आदेश में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विभिन्न बातों के लिए ताकीद की गई है. उसमें कहा गया है कि आप अवगत हैं कि विभाग ने वर्ष 2024 का परीक्षा कैलेण्डर निकाला है. जिसके तहत 10 जनवरी 2024 से बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जायेगी. बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाएं समाप्त होने के साथ ही 01 फरवरी 2024 से बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं भी प्रारंभ हो जाएगी. ऐसे में यह आवश्यक है कि सभी नियोजित शिक्षकों/अध्यापकों पर कड़ा अनुशासन बनाए रखा जाए. अतः ये आवश्यक है कि सभी नियोजित शिक्षकों/विद्यालय अध्यापकों की उपस्थिति सुनिशचित हो ताकि बोर्ड परीक्षा का कार्य बाधित न हो. यहां ये भी उल्लेखनीय है कि नवनियोजित अध्यापकों में से भी लगभग 50 विद्यालय अध्यापक विद्यालय में योगदान देकर भगोड़ा बन चुके हैं. अगर आपके जिले में ऐसे भगोड़े अध्यापक हैं तो उन्हें तुरन्त निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही करने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया जाए.

कॉपियों की जांच सुनिश्चित होनी चाहिए

केके पाठक की ओर से जारी आदेश में बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा की कॉपियों की जांच के संदर्भ में भी आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि इंटरमीडिएट और मैट्रिक की परीक्षाएं क्रमशः 10 जनवरी 2024 और 18 जनवरी 2024 से प्रारंभ हो रही है. इसलिए आवश्यक है कि प्रैक्टिकल परीक्षा के बाद इस बात की मॉनिटरिंग की जाए कि विद्यालयों की ओर से इन प्रैक्टिकल कॉपियों की जांच ससमय हो जाए. इस हेतु आपसे अनुरोध है कि जैसे ही प्रैक्टिकल की परीक्षाएं समाप्त हो जाए, आप तुरन्त सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की बैठक अपने स्तर पर करने हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित करने की कृपा करें. इस आदेश में शिक्षकों के कार्यकलाप पर भी निगाह रखने की बात कही गई है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को कहा गया है कि वे उन शिक्षकों पर भी ध्यान दें, जो स्कूल से बाहर अन्य एक्टिविटी में व्यस्त रहते हैं. डीईओ को कहा गया है कि आप वैसे शिक्षकों से स्व अभिप्रमाणित प्रमाण-पत्र की मांग करें, जो शिक्षक बाहरी दुनिया में कुछ और काम करते हैं. शिक्षकों से ये भी मांग की जाए कि वे स्कूल के अलावा बाहरी दुनिया में कोई शैक्षणिक कार्य नहीं करते हैं.

विशेष क्लास लेने की जरूरत

केके पाठक की ओर से जारी आदेश में बोर्ड की तैयारी के लिए विशेष क्लास लेने की बात कही गई है. उसमें कहा गया है कि सभी माध्यमिक विद्यालयों में विभाग ने बोर्ड की तैयारी हेतु विशेष कक्षाएं प्रारंभ की है. जिसके बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. छात्र-अभिभावकों ने भी इसका काफी स्वागत किया है. अतः यह आवश्यक है कि शिक्षकों के अवकाश पर चले जाने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखा जाए. आदेश में आगे कहा गया है कि 'मिशन दक्ष' के तहत चलने वाली कक्षाओं का भी सकारात्मक फीडबैक मिला है. अतः इससे 'मिशन दक्ष' को भी काफी मदद मिलेगी. सर्दी का मौसम चल रहा है, अतः यदि जिले में शीतलहर की स्थिति उत्पन्न होती है, तो बोर्ड प्रकीर्ण नियमावली की धारा 236 के तहत प्रमंडलीय आयुक्त से दिशा-निर्देश प्राप्त कर सकते हैं. किंतु यह सुनिश्चित किया जाए कि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में कोई बाधा न पहुंचे. आदेश के मुताबिक शीतलहर वाली स्थिति में यदि प्रमंडल के आयुक्त की ओर से आदेश मिलता है, तो स्कूल बंद रहेंगे. शिक्षकों को कार्य करना होगा. यानी बोर्ड की तैयारी के लिए उन्हें बच्चों के संपर्क में रहना ही होगा.

विशेष फ्रेमवर्क में पढ़ाई

केके पाठक की ओर से जारी आदेश में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को ये आदेश दिया गया है कि National Curriculum Framework for School Education-2023 का पालन होना बहुत जरूरी है. उसमें कहा गया है कि बहुत कम लोगों को पता है कि National Curriculum Framework for School Education-2023 प्रख्यापित है. विशेषकर हमारे शिक्षकों/विद्यालय अध्यापकों को तो इस Framework की जरा भी जानकारी नहीं है. आपसे अनुरोध है कि आपके जिले में अवस्थित DIET/PTEC/CTE/BITE इत्यादि संस्थानों में चल रहे शिक्षकों/प्रधानाध्यापकों के प्रशिक्षण में उक्त Framework के बारे में भी बताएं. इस Framework के अनुसार एक वर्ष में 220 'School going days' होने चाहिए. इस Framework की जो समय-सारणी दी गयी है, उसके अनुसार प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन 7.15 घंटे की पढ़ाई एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन 8.35 घंटे की पढ़ाई का उल्लेख है. अतः अपने जिले के अध्यापकों/शिक्षकों/अभिभावको को National Curriculum Framework for School Education-2023 से भी अवगत कराया जाए. उसके साथ ही डीईओ को इस फ्रेमवर्क का एक फॉर्मेट शेयर किया गया है. इस फ्रेमवर्क के साथ स्कूलों में पढ़ाई सुनिश्चित करने की बात कही गई है. बोर्ड परीक्षा को लेकर केके पाठक की सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिलों में डीईओ इस आदेश के बाद तनाव में आ गए हैं.

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