पटना हाईकोर्ट ने कल ही जातीय गणना पर लगे रोक को हटा दिया है. सरकार को बड़ी राहत देते हुए बिहार में फिर से जातिगत जनगणना कराने का आदेश दिया है. जिसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों को लेकर एक और नया आदेश जारी कर दिया है. दरअसल, केके पाठक ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि, जातीय गणना में शिक्षक शामिल होंगे. हालांकि, केके पाठक ने यह भी आदेश दिया है कि शिक्षकों को जातिगत जनगणना के अलावे अन्य किसी भी प्रशासनिक कार्यों में नहीं लगाया जाए.
साथ ही जातिगत जनगणना के दौरान स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य प्रभावित ना हो इसका भी ध्यान रखना होगा. सभी स्कूलों में शिक्षक मौजूद रहेंगे. किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कमी नहीं होनी चाहिए. वहीं, केके पाठक के द्वारा जारी किये गए इस पत्र को लेकर वाद-विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, पिछले दिनों केके पाठक के द्वारा कई तरफ के फरमान जारी किये गए थे. यह भी कहा गया था कि, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में शामिल नहीं किया जाए. लेकिन, जातीय गणना का फैसला आते ही कहा जा रहा है कि केके पाठक बैकफुट पर आ गए हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि, पटना हाईकोर्ट का फैसला आते ही केके पाठक ने अपना फरमान बदल दिया और शिक्षकों को जातीय गणना में शामिल करने के लिए नया फरमान जारी कर दिया. वहीं, केके पाठक का यह नया फरमान एक बार फिर अन्य फरमानों की तरह फिलहाल सुर्खियों में है. बता दें कि, जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. जातीय गणना का 80 प्रतिशत कार्य रोक लगने से पहले ही पूरा हो गया था. वहीं, जितने भी कार्य बचे हैं उसे लेकर आज से काम शुरू कर दिए गए हैं.