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के.के. पाठक का नया फरमान: अब शिक्षकों को करना होगा यह काम भी...?

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शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभालने के बाद से ही के.के. पाठक लगातार एक्शन मोड में हैं. बीते दो महीनों में वो शिक्षा विभाग में कई बड़े बदलाव और नये नियम बना चुके हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर सरकारी स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही माफ नहीं की जा रही है. अब एक और नया फरमान के.के. पाठक की तरफ से जारी किया गया है. इस नये नियम के तहत सरकारी शिक्षक अब आंगनबाड़ी के बच्चों को भी पढ़ाते हुए नजर आएंगे.

शिक्षा विभाग की तरफ से नये नियम को लेकर पत्र जारी कर दिया गया है. जिसमें राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के स्कूल से शीघ्र टैग करने को कहा गया है. सरकारी सकूलों के शिक्षक को भी आवश्यकतानुसार सप्ताह में एक-दो दिन आंगनबाड़ी के बच्चों को पढ़ाना होगा. के.के. पाठक का ये भी कहना है कि स्कूल में ही आंगनबाडी के लिए एक दो कमरे दिए जाए. 

बता दें कि आंगनबाड़ी में बच्चों को सेविकाएं पढ़ाती हैं. लेकिन नये निर्देश के अनुसार जरूरत पड़ने पर सरकारी स्कूल के शिक्षक को भी पढ़ाना होगा. साथ ही स्कूल परिसर में ही आंगनबाड़ी बनवाने पर इसलिए जोर दिया गया है कि ताकि पहली कक्षा में जब बच्चे प्रवेश लें तो उनमें नये माहौल को लेकर झिझक ना हो.

आपको बात दें कि अभी जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र हैं. वहां, आंगनबाड़ी सेविकाएं ही बच्चों को पढ़ाती हैं, लेकिन इस निर्देश के बाद अब सरकारी टीचर भी आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाते हुए नजर आएंगे. आंगनबड़ी केंद्र में जो भी बच्चे पढ़ते हैं वो पहली कक्षा से स्कूल जाने लग जाते हैं, लेकिन अब उन्हें आंगनबड़ी केंद्र में ही सरकारी स्कूल के शिक्षकों से पढ़ने का मौका मिलेगा.

केके पाठक के निर्देश पर सरकारी स्कूलों के औचक निरिक्षण के लिए टीम भी तैयार कर ली गई. जो प्रत्येक जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर अलग-अलग टीम निरीक्षण करेगी. इसको लेकर 46 लोगों की लिस्ट तैयार की गई है. साथ ही ये भी तय कर दिया गया है कि कौन सा अधिकारी किस क्षेत्र के स्कूल का निरिक्षण करेगा.

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