स्वाधीनता के बाद 1950 में योजना आयोग का गठन किया गया था जिसमे आयोग का मकसद सिर्फ यही था की नई योजनाओं का निर्माण कियाजाए और देश के हिट के लिए याचा किया जाए। साल 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई तब केंद्र की सरकार द्वारा योजना आयोग को भाग कर दिया गया और इसके बाद हैं 1 जनवरी 2015 को नीति आयोग का गठन किया गया. इसे भी योजना आयोग की तरह हीं केंद्र की सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा बनवाया गया ।
इस योजना के अध्यक्ष प्रधानमंत्री खुद होते हैं, और उनके अलावा एक उपाध्यक्ष और एक कार्यकारी अधिकारी भी होते हैं, जिनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा हीं की जाती है , नीति आयोग का मकसद हर राष्ट्र के परेशानियों को समाप्त करना होता साथ हीं राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करना होता है । नीति आयोग का काम देश के अलग-अलग राज्यों के साथ सहकारी संवाद को बढ़ावा देना भी होता है, आसान भाषा में कहे तो नीति और फ्रेमवर्क को बनाना नीति आयोग का काम होता है ।
इसकी बैठक में भारत के हर राज्य के मुख्यमंत्रियों को आने के लिए प्रावधान बनाया गया है ताकि हर राज्य की परेशानियों को सुना जाए और उसका समाधान निकाला जाए ,इसे सरकार के थिंक टैंक के नाम से भी जाना जाता है । आयोग की तरफ से 3 दस्तावेज़ ज़ारी किए गए हैं ,जिसमे 3 वर्षीय एक्शन प्लान ,7 वर्षीय स्ट्रेटेजी डाक्यूमेंट्स और 15 वर्षीय विजन डाक्यूमेंट्स शामिल हैं.