पूरे बिहार में मानसून के सक्रिय होते ही झमाझम बारिश देखने के लिए मिल रहा है. लेकिन, इस बीच अब संकट नदियों पर मंडराने लगा है. दरअसल, नदियों के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि हो रही, जिसके कारण अब लोगों के आशियाने उजड़ने लगे हैं. गंगा, गंडक, कोसी समेत कई नदियां उफान पर है. इस बीच खबर सुपौल से है जहां कोसी अपना कहर बरपा रही है. जिले में कोसी तटबंध के अंदर सदर प्रखंड के बलवा पंचायत के नरहिया कदम टोल वार्ड नंबर 11 सहित उसके इर्द-गिर्द में कोसी का कटाव जारी है. कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने-घटने से तटबंध के अंदर कटाव जारी है.
200 परिवारों का उजड़ा आशियाना
स्थानीय लोगों ने बताया कि, अब तक 2 सौ परिवारों का आशियाना उजड़ चुका है. करीब 2 सौ परिवारों का घर कोसी में विलीन हो गया है. हालांकि, कितने घर कोसी की तेज धारा में कटी है, इसकी प्रशासनिक स्तर से जांच के बाद ही आंकड़ा स्पष्ट हो पाएगा. लेकिन, स्थल पर मौजूद पीड़ित लोगों का कहना है कि, करीब दो सौ घर कटे हैं. लिहाजा, तटबंध के अंदर वहां मौजूद पीड़ित लोगों की स्थिति दयनीय है. लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. पीड़ित लोगों का आरोप है कि, अभी तक कोसी पीड़ितों के बीच प्रशासन और सरकार का कोई भी नुमाइंदा राहत सामग्री लेकर नहीं गया है. कोसी की तबाही से लोग बेबस और परेशान नजर आ रहे हैं. जहां कोसी नदी का कटाव जारी है, वहां शेष बचे हुए घर और उसमें रहने वाले लोग ऊंचे स्थान पर जाने को विवश हैं. लोग नाव के सहारे कोसी की अथाह धारा को पार कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं.
जान बचाने के लिए कर रहे जद्दोजहद
बता दें कि, लोग अपना सामान और अनाज लेकर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं. जिसके लिए उन्हें भारी परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है. कोसी पीड़ित लोगों ने बताया कि, अभी तक करीब 2 सौ परिवारों का आशियाना कोसी नदी में विलीन हो गया है. उनमें से अधिकांश लोग तो तटबंध के बाहर चले गए हैं या फिर जाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. लेकिन, जिसका घर अभी कोसी के कटाव से बचा हुआ है वो अपने घर की रखवाली कर रहे हैं. खाने-पीने से लेकर तमाम जरूरत की चीजें खत्म हो गई है. किसी तरह दिन काट रहे हैं. अब तक प्रशासनिक स्तर से कोई राहत सामग्री उन्हें नहीं मिल पाया है. जिला के प्रभारी आपदा पदाधिकारी अनंत कुमार ने बताया कि, अब तक 48 घर कटने की पुष्टि हुई है.