भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बंदी संघर्ष समिति के आह्वान पर बेऊर जेल के अंदर व्याप्त भारी भ्रष्टाचार, जेल अधीक्षक की तानाशाही तथा इसका विरोध करने पर बंदियों को दूसरे जेलों में भेज देने की दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ आयोजित भूख हड़ताल आंदोलन का समर्थन करते हुए राज्य सरकार से अपने स्तर पर मामले का संज्ञान लेते हुए कैदियों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने की अपील की है। साथ ही बताया।कि प्राप्त सूचना के अनुसार वर्तमान जेल अधीक्षक ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में आंकठ डूबे हैं. 2-2 लाख रु.में वार्ड बेचा जाता है और फिर आने वाले कैदियों से जगह देने के नाम पर बड़ी-बड़ी रकम वसूल की जाती है. मैनुअल के अनुसार खाना भी नहीं दिया जा रहा है. भोजन में कटौती कर दी गई है. पनीर, अंडा, मांसाहार आदि साप्ताहिक भोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस मद के पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है।माले नेता कुणाल ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि परिजन को कैदियों से मुलाकात करने के।लिए पैसा देना पड़ता है.औऱ बिना नजराना दिये कैदियों तक घर से परिजनों द्वारा लाये सामान उनतक नही पहुंच सकते।इस संस्थागत भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराने और बेउर जेल अधीक्षक को तत्काल स्थानांतरित करते हुए कैदियों की जायज मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग की हैं।