DARSH NEWS DESK:- अपनी किडनी देकर पिता लालू यादव को दूसरा जीवन देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य इस बार सारण लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में है और जीत दर्ज करने के लिए अपने क्षेत्र में जी-जान से जुटी है.वहीं लालू-यादव भी रोहिणी को हर हाल में जीत दिलाकर लोकसभा भेजना चाहते हैं.इसके लिए लालू यादव खुद अपनी पत्नी राबड़ी देवी के साथ सारण की धरती पर पहुंचे हैं और अगले कुछ दिनों तक सारण में कैंप करके आरजेडी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का उत्साह बढ़ायेंगे.यहां लालू यादव चुनाव कार्यालय की शुरूआत कर रहे हैं और इसी चुनाव कार्यालय में रहकर रणनीति बनायेगें.
लालू से है मुकाबला-रूडी
बताते चलें कि इस चुनाव में रोहिणी आचार्या द्वारा लालू यादव को किडनी देने को इमोशनल कार्ड के रूप में खेला जा रहा है,जिसका असर भी क्षेत्र के लोगों पर होता हुआ दिख रहा है.रोहिणी आचार्य के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूडी भी कुछ नहीं बोलते हैं और वे कहते हैं कि उनका मुकाबल लालू यादव से है और रोहिणी आचार्य उनकी बेटी की तरह है.इसलिए उसके खिलाफ वे कुछ नहीं बोलेगें.वह लालू यादव के मुखौटा के रूप में चुनाव लड़ रही है.
लालू की कर्मभूमि है सारण जिला
गौरतलब है कि सारण और छपरा लालू यादव की राजनीतिक कर्मभूमि रही है.जेपी आन्दोलन के बाद 1977 में हुए चुनाव में लालू यादव पहली बार तत्कालीन छपरा लोकसभा सीट से ही चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे.1977 के बाद 1989 और 2004 में भी लालू यादव छपरा सीट से चुनाव में जीत दर्ज की थी.परिसीमन के बाद छपरा की जगह सारण लोकसभा क्षेत्र बना और 2009 में उन्हौनें सारण से भी जीत दर्ज की. 2013 में लालू यादव को चारा घोटाले में सजा हो गयी जिसके बाद वे चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गए.उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में लालू ने राबड़ी देवी को प्रत्याशी बनाया था,पर मोदी लहर में वह राजीव प्रताप रूडी से चुनाव हार गई.2019 में लालू यादव ने अपने समधी चंद्रिका यादव को मैदान में उतारा,पर वे भी राजीव प्रताप रूडी से हार गए.
लगेगी हैट्रिक,या बेटी से मिलेगी हार
राजनीतिक समीकरण के हिसाब से सेफ सीट माने जानी वाली सारण पर बीते दो चुनाव में आरजेडी को हार का सामना करना पड़ा है.मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूडी लगातार तीसरी बार जीत का परचम लहराने के लिए मैदान में है,पर इस बार लालू ने अपने दूसरी बेटी राहिणी आचार्य को मैदान में उतारा है और उसकी जीत सुनिश्चित करने के लिए खुद पति-पत्नी सारण में कैंप कर रहे हैं.अब देखना है कि रोहिणी के साथ ही लालू-राबड़ी की मेहनत का क्या फल मिलता है.क्या पहली बार रोहिणी चुनाव लड़कर संसद पहुंच जाती हैं या फिर रूडी मां राबड़ी के बाद बेटी रोहिणी को भी हराकर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करते हैं.