Join Us On WhatsApp
BISTRO57

लालू की RJD ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप,कहा - निष्पक्षता पर संदेह

Lalu's RJD made serious allegations on the election, said -

PATNA- चुनाव आयोग द्वारा अग्नि वीर योजना और संविधान बदलने के मुद्दे पर चेतावनी जारी करने के बाद विपक्षी दल गुस्से में है, और चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगा रहे हैं. लाल यादव की पार्टी राजद ने चुनाव आयोग  के आचरण पर सवाल उठाए हैं, और कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

पार्टी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि भारत के चुनाव आयोग का आचरण ऐसा नहीं होना चाहिए कि उसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा हो। पिछले दिनों मतदान के आंकड़े में जो भारी अंतर देखा गया और कल विपक्ष को संविधान के साथ हीं अग्निवीर जैसी योजनाओं के सम्बन्ध में कुछ बोलने से परहेज करने का जिस प्रकार निर्देश दिया गया है, उससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन 

         राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा अपनी चुनावी सभाओं में खुलेआम एक धर्म विशेष के खिलाफ जहर उगला जा रहा है, धार्मिक नारे लगाए जा रहे हैं, भगवान को भी प्रधानमंत्री जी का भक्त बताया जा रहा है, विपक्षी दलों के घोषणा-पत्रों के बारे में झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है, विपक्षी नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से अमर्यादित टिप्पणियां की जा रही है और तथ्यहीन आरोप गढ़े जा रहे हैं, आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं, पर चुनाव आयोग मूकदर्शक बनी रही। जबकि धार्मिक बयान देने के कारण हीं जब केन्द्र में आदरणीय अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार थी तो 28 जुलाई 1999 को तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त मनोहर सिंह गिल के अनुशंसा पर शिवसेना प्रमुख श्री बालासाहेब ठाकरे जी को छ: वर्षों तक चुनाव लड़ने और वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था।

          राजद प्रवक्ता ने कहा कि वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग द्वारा विपक्ष को संविधान और अग्निवीर पर बोलने से परहेज करने का निर्देश दिया जाना समझ से परे है। भाजपा के कई नेताओं ने खुलेआम संविधान बदलने की बात कहकर भाजपा की मंशा को सार्वजनिक कर दिया है तो विपक्ष के लिए यह स्वाभाविक है कि जनता को भाजपा के गलत मंसूबों की जानकारी दे। उसी प्रकार अग्निवीर योजना से देश की सुरक्षा के साथ हीं बेरोजगारी से जुड़ा मुद्दा है जो देश के नौजवानों के लिए आज काफी गंभीर मुद्दा बन गया है।

        राजद प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार मतों के आंकड़े को लेकर भी गम्भीर संशय पैदा हो गया है। 380 सीटों के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी अन्तिम आंकड़े में एक करोड़ सात लाख की बढ़ोतरी पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक लोकसभा क्षेत्र में लगभग 28000 वोटों का अन्तर काफी मायने रखता है। जब टेक्नोलॉजी इतना विकसित नहीं था तब भी फाइनल आंकड़े आने में चौबीस घंटे से ज्यादा नहीं लगते थे। आज टेक्नोलॉजी इतना विकसित है फिर भी फाइनल आंकड़े आने में दस-ग्यारह दिन क्यूं लग गए। यह एक गंभीर मामला है। यदि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है तो फिर फॉर्म 17 सी को चुनाव आयोग के बेवसाइट पर क्यों नहीं अपलोड किया जा रहा है ? प्रत्येक चरण के चुनाव के बाद चुनाव आयोग द्वारा प्रेस-वार्ता करने की परम्परा रही है। इस बार के चुनाव में उस परम्परा को क्यों नहीं पालन किया गया ? ऐसे कुछ सवाल हैं जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहे हैं जिसका जवाब सार्वजनिक रूप से चुनाव आयोग को देना चाहिए। 

          

bistro 57

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp