लोकसभा चुनाव 2024 करीब जैसे जैसे करीब आ रहा है, लालू-नीतीश की मुलाकात का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. अब दो-चार दिनों के अंतराल पर दोनों नेता एक दूसरे से मिल रहे हैं। कभी नीतीश कुमार लालू से मिलने राबड़ी आवास चले जाते हैं तो कभी लालू यादव नीतीश से मिलने मुख्यमंत्री आवास पर चले आते हैं. बड़े भाई-छोटे भाई का मिलन सियासी महकमे में चर्चा का विषय बन जाता है. इससे पहले नीतीश ने राज्य भर के मुस्लिम नेताओं को बुलाकर मीटिंग की और ओवैसी से सावधान रहने की बात कही.
शनिवार को एक बार फिर लालू यादव नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर पहुंच गए. दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट तक मुलाकात हुई. इससे पहले गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर को नीतीश कुमार लालू से मिलने राबड़ी आवास गए थे. लालू यादव एक दिन पहले ही दिल्ली से पटना पहुंचे थे. लैंड फॉर जॉब घोटाला केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव को कोर्ट में पेश होना था. एयरपोर्ट पर उन्होंने किसी नेता या कार्यकर्ता से बात नहीं की. लेकिन शनिवार को लालू नीतीश से मिलने पहुंच गए. चर्चा है कि मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक के बाद लालू यादव नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गए, इसका कोई गहरा मतलब हो सकता है.
इससे पहले नीतीश कुमार ने मुस्लिम नेताओं को अपने आवास पर बुलाया था. जातीय गणना की रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद इस बैठक का बड़ा सियासी महत्व है. बताया जा रहा है कि जदयू की नजर राज्य के मुस्लिम वोट पर है. जेडीयू मुसलमानों के वोट बैंक को साधने की तैयारी में जुट गई है. जबकि आरजेडी का आधार वोट यादव और मुसलमान है.
मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समाज को ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से सावधान रहने को कहा. उन्होंने कहा कि यह भाजपा की बी टीम है और आगामी चुनावों में वोट काटने को जगह-जगह अपने उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में इनके मकसद को कभी पूरा नहीं होने देना है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास के लिए काम करते रहेंगे. जब एनडीए के साथ थे तब भी उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए बगैर किसी दबाव के काम किया.