झारखंड की राजधानी रांची स्थित नामकुम के एक दुर्गा पूजा पंडाल कई मायनों में अन्य पूजा पंडालों से बिल्कुल अलग है. पूजा पंडाल को जहां शिवलिंग का रूप दिया गया है, वही पंडाल परिसर में 101 छोटे-छोटे शिवलिंग का निर्माण किया गया है. इन 101 शिवलिंग के बीच भगवान भोलेनाथ की सबसे भरोसेमंद सवारी नंदी को भी दर्शाया गया है.
नारी शक्ति के रूप में रोहिणी आचार्य
इन सब के बीच इस पूजा पंडाल की खासियत यह है कि यहां पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के जीवन के कुछ पहलु को दर्शाया गया है. मूर्तियों के माध्यम से लालू प्रसाद यादव के उस समय को दर्शाया गया है जब वह बीमार थे और उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने किडनी दान करके उनका जीवन बचाया था. आयोजक का कहना है कि माता-पिता अपने बच्चों का पालन पोषण करके बड़ा करते हैं लेकिन एक समय ऐसा भी आता है जब माता-पिता को अपने बच्चों की मदद की जरूरत पड़ती है.
किडनी डोनेट करने के दृश्य ने बनाई जगह
बेटी रोहिणी के द्वारा अपने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी डोनेट करने के दृश्य ने लोगों के बीच अपनी जगह बना ली है. पूजा पंडाल में आने वाले लोग बेटी की भूमिका पर बने इस थीम की काफी सराहना कर रहे हैं.
रोहिणी की सभी कर रहे है प्रशंसा
निश्चित तौर पर बेटी के रूप में रोहिणी ने जो अपने पिता के लिए त्याग किया है, वो जग जाहिर है और कबीले तारीफ है. नवरात्र के दौरान जहां कन्या पूजन किया जाता है. वहीं अपने पिता की सेवा और त्याग की भावना को दर्शाने से समाज को संदेश मिल रहा है.