बिहार में जाति आधारित गणना का काम पूरा हो चुका है. जो भी डेटा हैं, उन्हें भी कलेक्ट कर लिए गए हैं. बस अब उन डेटा को ऑनलाइन फीड करने का काम बचा हुआ है, जो कि प्रोसेस में है. वहीं, इन तमाम गतिविधियों के बीच अब भी जाति आधारित गणना का मामला सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काट रहा है. दरअसल, पिछले दिन पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. एनजीओ 'एक सोच, एक प्रयास' की ओर से याचिका दायर की गई थी. जिसको लेकर अभी भी मामला सुप्रीम कोर्ट में फंसा हुआ है.
हालांकि, दूसरी तरफ जाति आधारित गणना से जुड़े काम लगातार जारी है. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित गणना को लेकर केंद्र सरकार को जमकर खरी-खोटी सुना दी है. केंद्र सरकार पर जमकर भड़ास लालू यादव ने निकाला है. इसके साथ ही बड़ी बात भी कह दी है. दरअसल, लालू यादव यादव ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि, हम लोगों ने जातीय गणना करवाया है. केंद्र की सरकार इसे नफरत की दृष्टि से देख रही है. कोर्ट में जाकर ये सरकार विरोध कर रही है.
लालू यादव ने यह भी कहा कि, बिना जाति और उसकी आर्थिक स्थिति को जाने हुए अंदाज पर हम उसके लिए क्या योजना बना रहे हैं? लालू यादव ने कहा कि, बजट का कुछ हिस्सा दे दिया जैसे लगता है खैरात दे रहे हैं. बता दें कि, ये बातें लालू यादव ने मनोज मित्ता की एक किताब 'कास्ट प्राइड' के विमोचन के दौरान कही. बता दें कि, आये दिन जाति आधारित गणना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी होती रहती है. इस बीच लालू यादव ने भी जमकर केंद्र सरकार को सुना दिया है.