लैंड फॉर जॉब स्कैम से जुड़ी बड़ी खबर है जहां तेजस्वी यादव को लेकर जो सुनवाई होने वाली थी वह टल गई है. अब इस मामले में कल सुनवाई होगी. दिल्ली के राउज एवेन्यु कोर्ट में CBI की तरफ से चार्जशीट दायर की गई थी, जिसको लेकर सुनवाई होनी थी, जो अब टल गई है. हालांकि, खबर है कि तीन रेल अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की इजाजत गृह मंत्रालय से मिली है. जिनमें रेल अधिकारी मनदीप कपूर, मनोज पांडे, डॉ. पीएल बंकर के खिलाफ केस चलाने की इजाजत मिली है. बता दें कि, लालू यादव पर केस चलाने को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से पहले ही परमिशन दे दिया गया था.
लालू-तेजस्वी के साथ 17 लोगों की बढ़ सकती है मुश्किलें
बता दें कि, इस मामले को लेकर लगातार ऐसा माना जा रहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ 17 लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है. पिछली सुनवाई में CBI के वकील ने कोर्ट को बताया कि, मामले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय से इजाजत मिल गई है. अब ऐसे में कल होने वाली सुनवाई के दौरान तेजस्वी यादव और लालू यादव के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. वहीं, कल होने वाली सुनवाई को लेकर सबकी निगाहें टिकी हुई है.
CBI के वकील ने दिया था बयान
CBI के वकील ने कहा था कि, मामले में बाकी तीन अधिकरियों के खिलाफ सेक्शन एक हफ्ते में मिल जाएगा. 3 जुलाई को सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में नई चार्जशीट दाखिल की थी. अगर तीन आरोपी अधिकारियों के खिलाफ गृह मंत्रालय की मंजूरी मिल गई तो कल पूरी संभावना है कि कोर्ट तेजस्वी यादव को आरोपी के तौर पर समन जारी कर सकती है.
यह था पूरा मामला
बता दें कि, 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू प्रसाद ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन ट्रांसफर के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं. CBI ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं थी. वहीं, दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित मकान संख्या D-1088 (एबी एक्सपोर्ट्स प्रा.लि.) के नाम रजिस्टर्ड है. इस कंपनी के मालिक तेजस्वी प्रसाद यादव और उनका परिवार है. इस संपत्ति की आज बाजार में कीमत 150 करोड़ रुपए है. इसे खरीदने में मुंबई के जेम्स और ज्वेलरी के कारोबारियों ने पैसे लगाए. कागज पर यह कंपनी का ऑफिस है, लेकिन तेजस्वी इसे अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं. तेजस्वी ने 9 नवंबर 2015 को इस कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, तेजस्वी कहते हैं कि जिस समय का यह मामला है, उस समय वे काफी छोटे थे.