लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि राजमहल लोक सभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय हांसदा इकलौते सांसद हैं। लेकिन, इस बार जनता विजय हांसदा के पक्ष में नहीं है। किसी से भी जाकर पूछ लीजिए, हर कोई विजय हांसदा का विरोध करता है। कई विरोध पत्र, शिकायत और वहां के लोग झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के ऑफिस तक आकर विजय हांसदा की शिकायत करते रहे हैं। सब चीजों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने एक बार फिर से विजय हांसदा पर ही भरोसा किया है।
लोबिन ने कहा कि उन्होंने विजय हांसदा की शिकायत पार्टी से की, तो बसंत सोरेन ने इसका समर्थन किया। कई लोगों ने कहा कि मैंने कल्पना सोरेन से उसकी शिकायत क्यों नहीं की। इस पर उन्होंने कहा- मैं कहना चाहता हूं कि कल्पना सोरेन कौन होती है, जिससे मैं इसकी शिकायत करूं। मैंने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से बात की थी। बसंत सोरेन होते, तो मैं उनसे बात करता।
लोबिन ने कहा कि दुर्गा सोरेन के निधन के बाद जिस तरह गद्दी हेमंत सोरेन को मिली, उसी तरह हेमंत सोरेन के सत्ता छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी बसंत सोरेन को मिलनी चाहिए थी।
अगर नियम यही कहता है, तो दुर्गा सोरेन के निधन के बाद पार्टी की कुर्सी सीता सोरेन को मिलनी चाहिए थी। आज घर की बहू बाहर क्यों चली गई। इस पर किसी ने विचार नहीं किया। लोबीन हेमबराम ने यह भी कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे। JMM में रहते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।