खबर बक्सर से है जहां पुआल के ढेर से भगवान शिव और साई बाबा प्रकट हो गए. जिसके बाद देखते ही देखते यह सूचना आग की तरह गांव वालों के बीच फैल गई. इसके बाद भगवान के दर्शन के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. कोई इसे ईश्वर का चमत्कार तो कोई चोरों की करतूत बता रहा था. हालांकि, विवाद बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दे दी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों मूर्तियों को जब्त कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी. कायास यह लगाये जा रहे हैं कि, चोर कहीं से इन दोनों मूर्तियों की चोरी कर यहां छुपाया होगा. दोनों मूर्तियां चांदी की है. मशीन से पुआल का बिचाली काटने के दौरान इन मूतियों पर मजदूरों की नजर पड़ी. दोनों मूर्तियों में एक भगवान शिव का और दूसरा साई बाबा का है.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
मामले की जानकारी देते हुए मुखिया प्रतिनिधि रबी उपाध्याय ने बताया कि, पुआल की कटाई हो रही थी. इसी दौरान पुआल के ढेर में छुपा कर रखा गया भगवान शिव और साई बाबा की मूर्ति बरामद हुई है. देखने से मूर्ति चांदी का लग रहा. दोनों मूर्तियों की कीमत 28 हजार से ऊपर बताया जा रहा है. पुलिस जांच में जुटी है कि, आखिर यह मूर्ति पुआल के ढेर में आया कैसे.
चमत्कार या चोरों की करतूत
मिली जानकारी के अनुसार, रेंका गांव निवासी भरत राजभर पशु चारा के लिए पुआल काट रहे थे. तभी पुआल में से दोनों मूर्तियां जमीन पर गिर पड़ी. जिसे देख सभी हैरान रह गए. पुआल काट रहे किसानों ने दोनों मूर्तियों को उठाकर बगल के पेड़ के नीचे रख दिया. जिसकी सूचना पहले गांव के मुखिया और सरपंच को दिया गया. जनप्रतिनिधियों द्वारा इसकी सूचना सिकरौल थाना को दिया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों मूर्तियों को अपने कब्जे में ले लिया. ग्रामीण इसे दैवीय चमत्कार मान रहे हैं तो पुलिस इस बात की जानकारी एकत्रित करने में लगी हुई है कि, इन दोनों मूर्तियों की चोरी कहां से की गई है और इस पुआल में छुपाने के पीछे का मकसद क्या है.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
वहीं, थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि दोनों मूर्तियां चांदी की है, जिसका वजन 660 ग्राम है. अनुमानित कीमत 28 हजार रुपया है. उन्होंने कहा कि, इसकी जांच की जा रही है कि मूर्तियां आखिर यहां तक कैसे आई और इन मूर्तियों को कहां से चुराया गया है. बहरहाल, दोनों मूर्तियों का मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है.