बिहार में माफियाओं की अब खैर नहीं. बिहार सरकार ने फुल प्रूफ प्लान बना लिया है, जिसको लेकर कहा जा रहा कि, अब माफियाओं की शामत आने वाली है. याद हो कि, देश के गृह मंत्री अमित शाह कुछ दिनों पहले ही पटना पहुंचे थे. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए खुले मंच से उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि, बिहार में माफिया तत्वों को उलटा लटका कर सीधा किया जाएगा. वहीं, अमित शाह के इस बयान के बाद ऐसा लग रहा कि, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है और पहला अटैक बालू माफिया पर है. जानकारी के मुताबिक, राज्य में अवैध बालू खनन और ढुलाई रोकने के लिए सभी घाटों का सीमांकन नए सिरे से किया जा रहा है.
ऐसे घाटों को किया जाएगा चिन्हित
खासकर नीलाम हो चुके 276 घाटों का सीमांकन कर उन स्थानों को निर्धारित कर दिया जाएगा, जहां से बालू खनन होना है. बालू घाटों में लंबाई और चौड़ाई में खनन वाले पूरे क्षेत्र को चिह्नित कर दिया जाएगा. निर्धारित किए गए घाटों से बाहर बालू खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि, इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के स्तर से विस्तृत दिशा-निर्देश सभी जिलों को दिए गए हैं. सभी जिलों के डीएम को भी अवैध बालू खनन की निरंतर निगरानी करने के लिए कहा गया है. इसके अतिरिक्त सभी जिलों को बालूघाट के इलाकों में संवेदनशील स्थलों को चिह्नित करने के लिए कहा गया है. बता दें कि, ये वैसे स्थान या ब्लैक प्वाइंट हैं, जहां से बालू का अवैध खनन होता है. इसमें कुछ स्थानों पर रात में भी खनन होता है. इसमें अवैध बालू ढोने के लिए उपयोग होने वाले रूट भी शामिल हैं. ऐसे सभी स्थानों को चिह्नित कर यहां अलग से मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी ताकि अवैध कारोबार पर नकेल कसी जा सके.
वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम की कवायद तेज
इसके अलावे यह भी बता दें कि, बालू ढोने वाले सभी वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की भी कवायद तेज कर दी गई है. साथ ही सभी जिलों से कहा गया है कि, वे बालू ढोने वाले तमाम वाहनों में ट्रैकिंग उपकरण अनिवार्य रूप से लगवाएं. बिना इस उपकरण के किसी बालू वाले वाहन का परिचालन नहीं होगा. सभी जिला खनन पदाधिकारियों को कहा गया है कि, वाहनों में ट्रैकिंग उपकरण को लगवाने के लिए पहल करें. अगर इसमें किसी तरह की समस्या आ रही है, तो विभाग को इसकी सूचना दें. सभी बालू घाटों पर चेक पोस्ट को सुदृढ़ करने के लिए कहा गया है. चेकिंग में खनन के अलावा परिवहन, पुलिस समेत अन्य संबंधित महकमा के अधिकारी भी रहेंगे.
लगाए गए 41 कैंप
इस बीच यह भी खबर है कि, बालू के अवैध खनन की रोकथाम के लिए खासकर दियारा या सुदूरवर्ती इलाकों में स्थित घाटों की सतत निगरानी के लिए इन इलाकों में बनाए गए एसटीएफ या विशेष पुलिस बल और चीता बल की मदद से लगाए गए कैंपों से भी मदद लेने के लिए कहा गया है. पुलिस महकमा ने दियारा, टाल या सुदूरवर्ती इलाकों में अपराध को नियंत्रित करने के लिए मिशन सुरक्षा के तहत 41 कैंप लगाए हैं. तो कुल मिलाकर देखा जाए तो अब राज्य में माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा और इसके लिए नीतीश सरकार की ओर से तैयारी कर ली गई है और दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.