नवादा कांड और पूरे राज्य में दलित-गरीबों-महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ माले के राज्यव्यापी आह्वान पर पूरे बिहार में प्रदर्शन किया गया। पटना में विरोध मार्च निकला गया और सभा आयोजित की गई।मार्च के दौरान माले कार्यकर्ता बिहार में दलित–गरीबों– महिलाओं पर लगातार हमले क्यों,भाजपा - जदयू सरकार जवाब दो; सामंतों, अपराधियों का संरक्षण भाजपा-जदयू सरकार बंद करो; नवादा की दलित बस्ती में आगजनी के दोषी अपराधियों को अविलंब सजा दो,गया में दलितों की हत्या और बलात्कार क्यों, भाजपा-जदयू सरकार जवाब दो; जुमलेबाजी बंद करो–गरीबों पर जुल्म बंद करो; माले नेता सुनील चंद्रवंशी की हत्या क्यों, भाजपा- जदयू सरकार जवाब दो के नारे लगाए।का. गोपाल रविदास ने इस मौके पर कहा कि नवादा कांड सत्ता संरक्षित ताकतों द्वारा अंजाम दिया गया है. बिहार में जारी जमीन सर्वेक्षण से इसके तार जुड़ते हैं. भूमाफिया गिरोह दलित-गरीबों की बस्तियों को जलाकर या बुलडोज करके उनका नामोनिशान मिटा देने की कोशिशें कर रहे हैं. बिना किसी पूर्व तैयारी के राज्य में जारी जमीन सर्वेक्षण दलितों-गरीबों पर हमले व उनकी बेदखली का पर्याय बनता जा रहा है। बकरौर, बोधगया में महादलित बस्ती पर हमला किया गया. पटना जिले में इस साल 48 सीएसए अधिक हत्याएं हो चुकी हैं. गया जिले में मुसहर समुदाय के कई लोगों की हत्या हो चुकी है, बलात्कार की घटनाएं हुईं हैं जबकि गया में खुद जीतन राम मांझी भाजपा के केन्द्रीय मंत्री हैं और मोहनपुर(बाराचट्टी) और टिकारी दोनों जगहों से हम पार्टी के ही विधायक हैं।माले नेताओ न भाजपा-जदयू राज में सामंती-अपराधी ताकतों का मनोबल काफी बढ़ने और सत्ता के संरक्षण में बेलगाम होकर उसने समाज के कमजोर हिस्से पर हमला करवाने का आरोप लगाया है।भाकपा-माले ने राज्य सरकार से भूमि सर्वेक्षण पर नए सिरे से विचार करे और हमले- हिंसा की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है।