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राज्य के अंदर 90 दिनों में खुलेंगे और 110 अस्पतालः मंगल पांडेय

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शनिवार को स्वास्थ्य भवन, पटना के सभागार कक्ष में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में एक दिवसीय राज्यस्तरीय समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विभाग तत्परता से कार्यरत है। उसी क्रम में शीघ्र ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 90 दिनों के अंदर लगभग 400 करोड़ की लागत से राज्य में 110 नए अस्पतालों का उद्घाटन होने जा रहा है। जिसमें पांच जिला मॉडल अस्पताल समेत मातृ - शिशु अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर प्रमुख हैं। इस बैठक में विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों और योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। बैठक का उद्देश्य राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं जनहितकारी बनाना था। श्री पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में राज्य की जनता को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। श्री पांडेय ने कहा कि राज्य में कुल 69 एफआरयू कार्यरत हैं और जल्द ही 40 नए यूनिट कार्यरत हो जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में ये यूनिट एक अभिन्न अंग के तौर पर कार्यरत हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने स्टॉफ नर्स की ट्रेनिंग पर फोकस करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2024 तक राज्य में 50 प्रतिशत स्किल बर्थ अटेंडेंट हो। इसके लिए उन्होंने निर्देश दिया कि स्टाफ की ट्रेनिंग ज्यादा से ज्यादा कराई जाए। साथ ही मरीजों की जांच पर भी ध्यानकेंद्रित किया जाए। पैथेलॉजी जांच की उपलब्धता बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरान पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को सुचारू रूप से लागू करने का निर्देश देते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि अवैध अबॉर्शन क्लिनिक और अवैध अल्ट्रासाऊंड क्लिनिक को चिन्हित कर जल्द से जल्द बंद करने की कार्रवाई की जाए। समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि मार्च 2025 तक बिहार को हाइड्रोसील मुक्त करने का लक्ष्य है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि हाइड्रोसील और फाइलेरिया से संबंधित दिए गए टास्क को पूरा करें। स्वास्थ्य संस्थानों में संचालित अल्ट्रासाउंड मशीनों से कितनी सोनोग्राफी की जा रही है इसकी पूरी रिपोर्ट ली जाए और अनिवार्य रूप से इसकी मासिक बैठक करें ताकि जरूरतमंदों को इस सुविधा का लाभ मिल पाए। साथ ही सभी फैसिलिटी पर पर्याप्त दवा उपलब्ध रहे इसका निर्देष दिया।इसके अलावा इस समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, मातृ - मृत्यु दर, जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। स्वास्थ्य मंत्री ने इन कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सतत निगरानी और समर्पण के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। इस समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, सचिव संजय सिंह, बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड ( बीएमएसआईसीएल ) के एमडी धर्मेंद्र कुमार व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेष सुहर्ष भगत समेत राज्य स्वास्थ्य समिति व विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहें।

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