स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बाद जैसे आपदा से निपटने को लेकर विभाग के अधिकारियों को बड़ा निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की आपदा के मद्देनजर, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। बाढ़ जैसी आपदा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारियां की हैं। राज्य के 15 जिले बाढ़ अतिप्रभावित श्रेणी में आते हैं, जबकि अन्य कई जिले भी बाढ़ से प्रभावित होते हैं। बाढ़ के कारण इन जिलों में जान-माल की क्षति के साथ-साथ जलजनित बीमारियों का खतरा रहता है। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारियां की हैं। इसको लेकर सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिला पदाधिकारी और सिविल सर्जनों को स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया है। श्री मंगल पांडेय ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दे दिया गया है। जिला एवं प्रखंड स्तर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा दलों का (चलंत एवं स्थायी और अस्थायी) गठन किया गया है। इन दलों में चिकित्सा पदाधिकारी, स्वच्छता निरीक्षक, परिचारिका, पारा मेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल रहेंगे, जिन्हें सिविल सर्जन द्वारा नामित किया गया है। साथ ही आवश्यकतानुसार, इन दलों को प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत तैनात किया जाएगा। वहीं ऐसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र जहां गांव और कस्बे जलजमाव या बाढ़ से घिर जाते हैं और सड़क संपर्क टूट जाता है, वहां नौका औषधालय स्थापित किए जाएंगे। इन औषधालयों में चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम और पारा मेडिकल कर्मी तैनात रहेंगे। इसके साथ ही, पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाइयों और सामग्री की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।