दस अगस्त से राज्य के 13 जिलों में आमजनों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवाएं: मंगल पांडेय
आठ जिलों में खिलाई जाएगी दो प्रकार की फाइलेरिया रोधी दवाएं
पांच जिलों में खिलायी जाएगी तीन प्रकार की दवाएं
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार से फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन को लेकर राज्य सरकार संकल्पित है। इस मुहिम के तहत राज्य के 13 जिलों में आगामी 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन अभियान ( एमडीए) का द्वितीय चक्र का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आम जनों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जाएगी। इस दौरान राज्य के आठ जिलों यानी बक्सर, भोजपुर, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, नालंदा, नवादा और पटना में दो प्रकार की दवाएं खिलायी जानी है। जिसमें अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाएं शामिल है। वहीं राज्य के पांच जिलों यानी दरभंगा, लखीसराय, पूर्णिया, रोहतास और समस्तीपुर में तीन प्रकार की दवाएं आमजनों को खिलाई जाएगी। जिसमें डीईसी और अल्बेंडाजोल के साथ आईवरमेक्टीन दवा भी शामिल होगी। पांडेय ने कहा कि एमडीए अभियान के दौरान चिन्हित 13 जिलों में लगभग 3.5 करोड़ लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसको लेकर वर्ष 2023 से देशभर में एक साथ 10 फरवरी एवं 10 अगस्त को प्रखंड स्तरीय रणीनीति के तहत प्रखंड स्तर पर एमडीए अभियान का आयोजन किया जा रहा है। प्रखंड स्तरीय रणनीति के अंतर्गत चिन्हित 13 जिलों में माइक्रो फाइलेरिया प्रसार दर को जानने के लिए प्रखंड स्तर पर नाईट ब्लड सर्वे भी किया जा रहा है। वहीं नाईट ब्लड सर्वे के बाद जिन प्रखंडों में माइक्रो फाइलेरिया प्रसार दर 1 से कम पाया जाएगा, वहां एमडीए राउंड आयोजित करने की जरूरत नहीं होगी। वर्ष 2023 से पूर्व नाईट ब्लड सर्वे का आयोजन जिला स्तर पर किया जाता था। पांडेय ने कहा कि एमडीए कार्यक्रम के कुशल क्रियान्वयन को लेकर राज्य के द्वारा एक टाइमलाइन का निर्माण कर संबंधित जिलों एवं राज्य स्तरीय अधिकारीयों को भेजा गया है। टाइमलाइन में नाईट ब्लड सर्वे, राज्य एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षण, बैठक, एमडीए कार्यक्रम की सूक्ष्म कार्ययोजना, फाइलेरिया रोधी दवाओं की ससमय आपूर्ति, एमडीए कार्यक्रम की शुरुआत के साथ कार्यक्रम का कुशल पर्यवेक्षण एवं समीक्षा शामिल है।