स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि नवजात शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने, शिशुओं में शारीरिक एवं मानसिक विकास करने के साथ उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए शिशुओं को स्तनपान कराना महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे लेकर एक से सात अगस्त तक ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ मनाया जाएगा। इस दौरान प्रत्येक माताओं को स्तनपान के फायदे बताए जाएंगे और स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। श्री पांडेय ने कहा कि ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ के दौरान स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए प्रखंड स्तरीय कार्यशाला,हेल्दी बेबी शो आयोजन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा स्तनपान को लेकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। ये सभी अभियान के दौरान अधिक से अधिक माताओं को शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान प्रारंभ करने में मां की सहायता करने तथा गर्भवती व धातृ माताओं को छः माह तक केवल स्तनपान कराए जाने के महत्व के बारे में बताएंगी। प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान ‘माँ’ कार्यक्रम के अनुसार गर्भवती एवं धात्री माताओं के साथ बैठकर स्तनपान से होने वाले लाभ पर चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं।श्री पांडेय ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों को बोतल बंद दूध मुक्त परिसर घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं राज्य के प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थानों में स्तनपान कक्ष (ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर) स्थापित करने पर जोर दिया गया है। यह स्तनपान कक्ष मुख्यतः ओपीडी के पास ही स्थापित किए जाएंगे। स्तनपान कक्ष स्वास्थ्य संस्थान में स्थापित कंगारू मदर केयर वार्ड के अतिरिक्त होगा। विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान होने वाली गतिविधियों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन भी किया जाएगा.