कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय की अध्यक्षता मे भारत सरकार की योजनान्तर्गत अबतक बनाये गये किसान उत्पादक समूह से संबंधित समीक्षात्मक बैठक किया गया। इस बैठक में एफपीओ निर्माण से संबंधित कुल छः क्रियान्वयन एजेन्सियों नाबार्ड, नेफेड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम , लघु कृषक कृषि व्यापार संघ , राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड एवं ग्रामीण मूल्य श्रंृखलाओं के विकास के लिए फाउण्डेशन के प्रतिनिधि के साथ-साथ 65 कलस्टर आधारित व्यापार संगठन तथा 06 कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे। मंत्री मंगल पांडेय द्वारा सभी क्रियान्वयन एजेन्सियों के 65 सीबीबीओ के तहत् कुल 608 एफपीओ के कार्यों की समीक्षा किया गयाश्री पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने तथा किसानों एवं बाजार के बीच में बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करने के उद्देष्य से पूरे भारत में 10 हजार एफपीओ बनाने की योजना पर कार्य कर रही है। इसके तहत बिहार को कुल 694 एफपीओ का लक्ष्य मिला है जिसमें से अभी तक 608 एफपीओ का निर्माण हो गया है। जिसमें राज्य के लगभग 1,51,887 किसान शेयर धारक के रूप मंे सम्मिलित हैं। राज्य में एफपीओ के निर्माण हेतु किसानों को सहयोग करने तथा किसानों को इसके लिए प्रषिक्षित एवं प्रोत्साहित करने के साथ-साथ मार्केट लिंकेज स्थापित करने के लिए कुल 65 एजेन्सियों को सीबीबीओ के रूप में कार्य करने हेतु चयनित किया गया है। यदि सीबीबीओ अच्छे से काम करेंगे तो एफपीओ भी अच्छा से काम करेगा। उन्होंने कहा कि सदस्य किसानों के अनुरूप टर्नओवर संतोषजनक नहीं है। किसानों के जीवनशैली में सुधार होना चाहिए। सदस्य किसानों को व्यवसाय उन्मुख करना पड़ेगा। माननीय मंत्री ने सभी क्रियान्वयन एजेंसियों से पूछा की आपने एफपीओ के साथ अंतिम बैठक कब किया है तथा किसानों के आर्थिक स्थिति में सुधार से संबंधित मूल्यांकन कब किया। प्राप्त जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। श्री पाण्डेय ने सभी क्रियान्वयन एजेंसियों को एक निश्चित अंतराल पर एफपीओ के साथ समीक्षात्मक बैठक करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि एफपीओ के टर्नओवर बढ़ाने, किसानों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने, उत्पादों का मूल्य संवर्द्धन करने, किसानों को प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता, वित्तीय सहायता तथा क्षमता संवर्द्धन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में नये किसान उत्पादक समूह का गठन में तेजी लाई जायेगी।सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि सभी सीबीबीओ/क्रियान्वयन एजेंसी अपना लक्ष्य पूरा करे। प्रदर्शन में सुधार नहीं करने वाले सीबीबीओ को कालीसूची में डाला जा सकता है। उन्होंने कहा एफपीओ द्वारा अपने उत्पादों का प्रसंस्करण, विपणन तथा मूल्य संवर्द्धन किया जाना है। इसमें सभी सी॰बी॰बी॰ओ॰ को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता होगी। इस अवसर पर कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार, कृषि विभाग के आप्त सचिव अमिताभ सिंह सहित विभाग के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।