भाजपा के वरिष्ठ नेता व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आरजेडी पर बड़ा हमला किया है।मंगल पांडे ने कहा कि बिहार में एक दौर वह भी था जब शाम को लोगों का घरों से निकलना दूभर था। लालू यादव के शासनकाल में लोग देर शाम घरों से बाहर नहीं निकलते थे। बच्चों को स्कूल भेजने से माएं डरती थीं। स्कूल गए बच्चों की सकुशल वापसी तक वह बेचैन रहती थीं। पटना के मासूम छात्र किसलय के अपहरण के बाद तो पूरे बिहार में दहशत का माहौल कायम हो गया था।श्री पांडेय ने कहा कि फिरौती के लिए अपहरण के उस दौर में स्थिति काफी खराब थी। देर शाम पटना जंक्शन पर उतरने वाले यात्रियों को पूरी रात वहीं गुजारनी पड़ती थी। बाहर गए किसी परिजन को घर आने में ज्यादा देर हुई तो परिवार में कोहराम मच जाता था। पुलिस की ओर से जब भी कोई लाश बरामद होती थी, लोग अपनों के बारे में सोच कर भयातुर हो जाते थे। उन्होंने कहा कि 2005 के अंत में जब जदयू-भाजपा यानी एनडीए की बिहार में सरकार बनी तब हालात सुधरे। कानून का शासन स्थापित होने के बाद अपराधियों में कानून का खौफ बढ़ा। स्पीडी ट्रायल ने अपना काम बखूबी किया। नवम्बर 2005 से 2020 के बीच 56 हजार से ज्यादा अपराधी जेल भेजे गए। लालू के कार्यकाल में चार्जशीट दाखिल होना और अपराधियों का जेल जाना सपना था। एनडीए के शासनकाल में स्पीडी ट्रायल के जरिए अपराधियों में खौफ पैदा किया गया। नतीजतन फिरौती के लिए अपहरण की वारदातों पर लगाम लगी।