सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के मार्गदर्शन में ’’मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना‘‘ की स्वीकृति कैबिनेट में ली गयी। अब इस योजना के तहत मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से अनुदान उपलब्ध करायी जाएगी। जिसके तहत बिहार की महिलाओं में होने वाली सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 09-14 वर्ष उम्र की बालिकाओं को निःशुल्क एचपीवी टीकाकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में लिया गया यह एक ऐतिहासिक फैसला है। जिससे सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर) जैसी एक गंभीर बीमारी की रोकथाम में मदद मिलेगी । माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के प्रति कृत - संकल्पित है। श्री पांडेय ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर 5 सर्वाइकल कैंसर मरीजों में से एक भारत में होता है और इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में यह कैंसर मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है और वयस्क महिलाओं में कैंसर से होने वाली सभी मौतों का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा है। वर्तमान में, भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग चार लाख नए सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं। कैंसर से होने वाली मृत्यु के मामलों में बिहार चौथे स्थान पर है। जहां प्रति वर्ष लगभग 1 लाख 20 हजार नए मामले दर्ज होते हैं और इनमें से 5 से 6 प्रतिशत तक मरीजों की मौत हो जाती है। सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एच०पी०वी०) है। इस वायरस के संक्रमण से महिलाओं में यह कैंसर का रूप ले सकता है। हालांकि, सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है क्योंकि इसके लिए एक प्रभावी वैक्सिन एचपीवी उपलब्ध है। श्री पांडेय ने बताया कि एचपीवी वैक्सीन कैंसर से 98 प्रतिशत तक बचाव कर सकती है और यह विशेष रूप से 09 से 14 साल की बालिकाओं पर प्रभावी रहती है। इसलिए माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, इस आयु वर्ग की अनुमानित संख्या लगभग 95 लाख है। इस टीकाकरण कार्यक्रम पर प्रति वर्ष लगभग 1.50 सौ करोड़ रुपये की लागत आंकी गई है जो मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से वहन की जाएगी।