मुजफ्फरपुर के अहियापुर क्षेत्र में नौकरी के नाम पर लड़कियों के जघन्य यौन शोषण मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग पर आज पटना में महिला, छात्र-युवा और कई अन्य संगठनों ने बुद्धा स्मृति पार्क पर प्रतिवाद दर्ज किया।ऐपवा, बिहार महिला समाज, ऐडवा, एआईएमएसएस, बिहार घरेलू कामगार यूनियन, बिहार लीगल नेटवर्क, इंसाफ मंच, मौलिक अधिकार मंच, गौरव ग्रामीण महिला विकास मंच, आइसा, इनौस, इप्टा, एआईएसएफ, मालिक अधिकार महिला मंच, सहित कई संगठनों ने इस जघन्य अपराध पर बिहार सरकार की अब तक की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ‘डबल इंजन’ सरकार की नाकामी का चरम उदाहरण है. महिला सशक्तीकरण व महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाले भाजपा-जदयू शासन में उसी मुजफ्फरपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की यह दूसरी बड़ी घटना सामने आई है. 6 साल पहले भी शेल्टर कांड हुआ था जिसके तार सत्ता व प्रशासन से गहरे तौर पर जुड़े पाए गए थे. महिला संगठनों ने कहा,कि यह कांड भी एक संगठित अपराध की ओर इशारा कर रहा है. जिसे सत्ता व प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है।महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा व अपराध इस सरकार की चारित्रिक विशिष्टता बन गई है. देश और राज्य में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा विगत कई सालों से चल रहा है लेकिन इस नारे के विपरीत बेटियों के शोषण के शर्मनाक मामले दिन प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. इन घटनाओं से यह पता चलता है कि किस प्रकार कानून का राज डबल इंजन के शासन में पंगु होता जा रहा है. शुरू में ही अगर प्रशासन द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को संज्ञान में लेकर कारवाई कर दिया जाता तो इतनी बड़ी घटना सामने नहीं आती. इस संदर्भ में एक पीड़िता ने बताया कि वह शुरू में ही मामले को लेकर पुलिस के पास गई थी लेकिन पुलिस ने लापरवाही के कारण कोई कारवाई करने से मना कर दिया, जिसके कारण इतनी बड़ी घटना सामने आई है. ब्लैकमेलिंग और मारपीट के साथ युवतियों का यौन शोषण होता है. उससे देह व्यापार भी कराया जाता है. कंपनियों के गुंडों द्वारा अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है. इस प्रकरण ने बालिका गृह कांड की न केवल याद दिला दी।संयुक्त संगठनों ने इस जघन्य अपराध की निष्पक्ष जांच कराने, दोषियों को तत्काल सजा देने, पीड़ितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी प्रदान की करने एवं इस कांड की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।.