12 फरवरी का दिन बिहार की सियासत के लिए बेहद ही खास माना जा रहा है. कई तरह की गतिविधियां और हलचल राजनीति में देखने के लिए मिल रही है. इस बीच हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी की भूमिका बेहद खास मानी जा रही है. वहीं, फ्लोर टेस्ट से पहले उन्होंने सियासी पारा चढा दिया है. 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है, लेकिन इससे पहले ही एनडीए की टेंशन बढ गई है. दरअसल, बड़ी खबर है कि बीजेपी और जेडीयू की सहयोगी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतनराम मांझी से महागठबंधन में शामिल सीपीआई माले के विधायक महबूब आलम ने मुलाकात की है. यह मीटिंग जीतन राम मांझी के पटना स्थित आवास पर हुई है.
महबूब आलम ने दी बड़ी प्रतिक्रिया
वहीं, इस मुलाकात के बाद बिहार का सियासी पारा गर्मा गया है. आरजेडी ने फ्लोर टेस्ट के दिन खेला होने का दावा किया है. मांझी की पार्टी के चार विधायकों का एनडीए को समर्थन है, उनके बेटे संतोष सुमन अभी नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं. इधर रिपोर्ट्स की माने तो, सीपीआई माले के विधायक महबूब आलम शनिवार को जीतनराम मांझी के आवास पर पहुंचे. उन्होंने हम पार्टी के सुप्रीमो से मुलाकात कर कुछ देर तक उनके साथ बातचीत की. वहीं, इस मुलाकात के बाद महबूब आलम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, जीतनराम मांझी से उनकी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई है. मांझी हमारे अभिभावक हैं और वे उनका हाल-चाल जानने के लिए आए हैं. दूसरी कोई बात नहीं है.
जीतन राम मांझी ने किया था ट्वीट
माले विधायक ने यह भी कहा कि, जीतन राम मांझी पूरी तरह स्वस्थ और तंदरुस्त हैं. वे अच्छा खेल दिखाएंगे. वहीं, माले विधायक के इस बयान के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. दरअसल, बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है. इससे पहले जीतनराम मांझी का विरोधी दल के नेताओं से मिलने पर बीजेपी और जेडीयू की चिंता बढ़ गई है. हालांकि, जीतन राम मांझी का 9 फरवरी को ही ट्वीट सामने आया था. जिसमें उन्होंने साफ तौर पर लिखा था कि, वह एनडीए में हैं, थे और हमेशा रहेंगे. वह गरीब जरूर हैं, लेकिन किसी को धोखा नहीं दे सकते हैं.