आशुतोष शाही हत्याकांड में गिरफ्तार मंटू शर्मा, गोविंद झा, विक्कू शुक्ला और शेरू अहमद से सीआईडी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की. पूछताछ में इन लोगों ने कई खुलासे किये. गोविंद और मंटू शर्मा ने स्वीकार किया है कि, कई पुलिसकर्मी इन लोगों के संपर्क में थे. गोविंद ने बताया कि, समीर हत्याकांड के वक्त 4 पुलिसवाले गोविंद के संपर्क में थे. जिनका अब जिला से ट्रांसफर हो चुका है. इन चार पुलिसकर्मियों ने गोविंद को बताया था कि उसकी सेटिंग हो चुकी है. जिसके बाद उसने वारदात को अंजाम दिया था. गोविंद का कहना है कि, चारो पुलिसकर्मियों का अब स्थानांतरण हो चुका है.
हालांकि, आशुतोष शाही की हत्या में राजनीतिक जुड़ाव पर इन दोनों ने अपना मुंह नहीं खोला. हत्या के बाद हथियार छिपाने की बात गोविंद ने नहीं बताई. गोविंद ने अलग-अलग जिलों से शूटर मंगवाने की बात भी स्वीकारी है, जिसके आधार पर पुलिस छापेमारी कर रही है. मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना में मंटू शर्मा, गोविंद, विक्कू शुक्ला और शेरू अहमद से पूछताछ की गई. पूछताछ के बाद रविवार की शाम सात बजे शेरू अहमद और विक्कू शुक्ला को 24 घंटा पूरा हो जाने पर जेल प्रशासन को सौंप दिया.
मंटू शर्मा और गोविन्द से सीआइडी ने 200 से भी ज्यादा सवाल किया. जिसमें समीर कुमार हत्याकांड से लेकर आशुतोष शाही हत्याकांड तक के सवाल शामिल थे. इन सवालों में गोविंद और मंटू के अब तक के सभी भूमि विवादों और सभी डील के बारे में भी पूछताछ की गई. इन दोनों से राजनीतिक व्यक्तियों से संबंध के बारे में भी पूछा गया. जिसमें इन्होंने कुछ नहीं बताया. आधिकारिक सूत्रों की माने तो, सीआईडी ने इन चारों से कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की है. जिससे इस हत्याकांड के खुलासे में मदद मिलेगी. वहीं, सोमवार की देर शाम 48 घंटे की रिमांड अवधि पूरी हो जाने के बाद इन दोनों को जेल प्रशासन को सौंप दिया गया.
पूछताछ के दौरान अहियापुर थाना को पूरी तरह से सील कर दिया गया था. इस पूछताछ में सीआईडी के डीआईजी दलजीत सिंह के साथ 2-2 एसपी, डीएपी और केस के आईओ ने चारों से पहले अलग-अलग पूछताछ की. उसके बाद सभी से एक साथ बैठाकर पूछताछ की गई. सीआईडी के डीआईजी दलजीत सिंह ने पूछताछ में मिले साक्ष्य के आधार पर अधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की. अब देखना होगा की सीआईडी कितने समय में हत्याकांड में संलिप्त शूटरों तक पहुंचती है और घटना का पटाक्षेप करती है.